Saturday, November 23"खबर जो असर करे"

117 दिन के बाद आज योग निद्रा से जागेंगे देव

 -सूर्य और शुक्र की स्थिति सही नहीं होने के कारण देव प्रबोधिनी एकादशी पर नहीं गूंजेंगी शहनाई
ग्वालियर। 4 महीने के शयन के बाद जगत के पालनहार भगवान श्री हरि आज जागेंगे। इसी के साथ विवाह तथा मांगलिक कार्यो का आयोजन का सिलसिला शुरू होगा। लेकिन इस बार देवउठनी ग्यारस पर सामान्य अबुझ मुहूर्त होने से तथा लोक परंपरा के आधार पर कहीं-कहीं सामाजिक विवाह समारोह ही हो सकेंगे। जनसाधारण के लिए विशेष विवाह मुहूर्त देवउठनी एकादशी से शुरू नहीं होंगे। क्योंकि इस बार देवउठनी एकादशी के दिन शुक्र तारा अस्त  चल रहा है। जो 23 नवंबर को पश्चिम में उदय होने के उपरांत ही शादियों के विशेष मुहूर्त प्रारंभ हो सकेंगे।
बालाजी धाम काली माता मंदिर के ज्योतिषाचार्य डॉ. सतीश सोनी के अनुसार देवउठनी एकादशी के बाद भी मांगलिक कार्यों के लिए इस बार इंतजार करना होगा। शुक्र अस्त होने के कारण विवाह व मांगलिक कार्यों का श्रीगणेश 24 नवंबर के बाद ही होगा। देवोत्थान एकादशी  को भगवान विष्णु 4 माह की योगनिद्रा से जागेंगे, और तुलसी विवाह प्रति आत्मक संपन्न होगा। भगवान के विवाह की तिथि होने की वजह से स्थिति को अबूझ मुहूर्त माना गया है। सूर्य और शुक्र की स्थिति सही नहीं होने के कारण विवाह के मुहूर्त नहीं बन रहे हैं। क्योंकि शुक्र विवाह का कारक ग्रह माना जाता है। देव उत्थान एकादशी के बाद भी शुक्र अस्त होने के कारण विवाह मांगलिक कार्यों का कोई शुभ मुहूर्त नहीं मिल रहा है। ग्रहों की गणना के अनुसार 23 नवंबर को शुक्र का उदय होने के बाद विवाहिक कार्यक्रम अन्य धार्मिक आयोजन हो सकेंगे। और वही विवाह का अंतिम शुभ मुहूर्त दिसंबर 14 तक रहेगा। इसके बाद 16 से सूर्य धनु राशि में प्रवेश करने से मलमास प्रारंभ होगा । जिसके कारण 1 माह के लिए मांगलिक कार्यो पर पुन: विराम लग जाएगा।
श्री सोनी ने बताया आज देवउठनी एकादशी के पूजन का शुभ मुहूर्त मिथुन लग्न में रात्रि 8:26 से 10:37 तक रहेगा। शीषौदय लग्न मिथुन का स्वामी बुध ग्रह विष्णु स्वरूप है। विष्णु भगवान की प्रधानता होने के कारण शीषौ दय लग्न मिथुन में पूजा करना विशेष शुभ फलदाई माना जाता है। जिसके फलस्वरूप परिवार में अति शीघ्र ही पुत्रभिलाशियों को संतान की प्राप्ति होती है। विवाह योग्य युवक-युवतियों के शीघ्र विवाह होते हैं।
विवाह के लिए शुभ मांगलिक मुहूर्त
नवंबर 2022 -26, 27, 28
दिसंबर 2022- 2,7,8,9 ,14,
जनवरी 2023 – 25, 26, 30
फरवरी 2023- 9,10, 15, 16, 22
मार्च 2023- 8,9