कीव। यूक्रेन के कई शहरों पर रूस ने मंगलवार को भी हवाई हमले किए। कीव में बिजली संयंत्र पर हुए मिसाइल हमले में तीन और माइकोलईव में एक की मौत हो गई। रूसी मिसाइल के हमलों से कीव सहित कई शहरों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने आरोप लगाया कि ठंड बढ़ने से पहले रूस बुनियादी सुविधाओं पर हमले कर यूक्रेन को अंधेर में धकेलकर शांति वार्ता को असंभव बनाना चाहता है।
जेलेंस्की ने कहा कि पिछले हफ्ते रूसी हमले में यूक्रेन के एक तिहाई बिजली स्टेशन ध्वस्त हो गए हैं, इससे देशभर में भीषण बिजली संकट पैदा हो गया है। हमले के चलते पानी की आपूर्ति भी बुरी तरह से बाधित हुई है।
कीव के मेयर विटाली क्लिस्चको ने कहा कि दो बुनियादी ढांचों को निशाना बनाया गया। जिससे काफी नुकसान पहुंचा है। वहीं, यूक्रेनी राष्ट्रपति के सहयोगी किरिलो टाइमोशेन्को ने बताया कि दो राकेट हमले से दक्षिणपूवी शहर नेप्रो में भारी नुकसान हुआ है। इसी तरह दक्षिणी यूक्रेन के माइकोलईव में मिसाइल एक अपार्टमेंट पर गिरी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। रूसी सीमा से सटे खार्कीव में भी बिजली संयत्रों को निशाना बनाया गया।
राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस पर हवाई हमले से आतंकित करने और नागरिकों को मारने का आरोप लगाया है। एक दिन पहले सोमवार को कीव और अन्य शहरों में ड्रोन हमलों में कम से कम चार लोगों की मौत हुई है। जेलेंस्की ने टेलीग्राम मैसेजिंग एप पर लिखा यूक्रेन आक्रांताओं के हमले का शिकार है। वे लगातार वह कर रहे हैं जो वह बेहतर कर सकते हैं, आतंकित करना और नागरिकों की हत्या। यह आतंकवादी देश इसके अलावा और कुछ नहीं कर पाएगा।अमेरिका द्वारा रूस को युद्ध अपराध के लिए जवाबदेह ठहराए जाने की चेतावनी के बाद रूस ने मंगलवार को ताजा हमले किए हैं।
इस बीच, अमेरिका ने कहा है कि रूस द्वारा यूक्रेन पर ईरान के आत्मघाती कामिकाजे ड्रोन के इस्तेमाल के पर्याप्त साक्ष्य हैं। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने प्रेसवार्ता कर यह दावा किया है। वहीं, यूक्रेन भी ने भी कहा है कि हमले में कामिकाजे ड्रोन बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। ये लक्ष्य पर निशाना लगाते हैं और उसके बाद नष्ट हो जाते हैं। रूस ने ईरानी ड्रोन के इस्तेमाल से इनकार किया है।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दीमित्री पेसकोव ने कहा कि इस संबंध में उनके पास कोई सूचना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि रूसी सैनिक स्वदेश बने हथियारों का ही इस्तेमाल कर रहे हैं।(हि.स.)