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ईएसी पीएम के सदस्य सान्याल ने कहा, 7 फीसदी रहेगा आर्थिक वृद्धि दर

नई दिल्ली। वैश्विक मंदी की आशंका के बीच वित्त वर्ष 2022-23 में भारत 7 फीसदी की वृद्धि दर के साथ मजबूत अर्थव्यवस्था के तौर पर उभरेगा। उन्होंने रुपये की लगातार गिरती कीमतों के बारे में कहा कि हमें केवल डॉलर और रुपये की विनिमय दर के आधार पर आकलन नहीं करना चाहिए, जबकि अन्य मुद्राओं तुलना में डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है।

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के सदस्य संजीव सान्याल ने रविवार को कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7 फीसदी की वृद्ध दर हासिल करेगी। सान्याल ने कहा कि साल 2000 की शुरुआत के सकारात्मक माहौल में वैश्विक अर्थव्यवस्था वृद्धि कर रही थी, उसी तरह के माहौल में फिर भारत नौ फीसदी की वृद्धि हासिल कर सकता है।

वैश्विक मंदी की संभावनाओं पर चर्चा करते हुए सान्याल ने कहा कि दुनिया के कई देशों को कम वृद्धि का सामना करना पड़ेगा, बल्कि वे मंदी की दौर में भी जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि तेल की बढ़ती कीमतें, सख्त मौद्रिक नीति का माहौल रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बन रहा है। उन्होंने रुपये की लगातार गिरती कीमतों के बारे में कहा कि हमें केवल डॉलर और रुपये की विनिमय दर के आधार पर आकलन नहीं करना चाहिए, जबकि अन्य मुद्राओं तुलना में डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने हाल ही में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आर्थिक वृद्धि दर 7.0 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। विश्व बैंक ने भी बिगड़ते अंतरराष्ट्रीय हालात का हवाला देकर भारत के आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.5 फीसदी कर दिया है। (एजेंसी, हि.स.)