पर्थ। इंग्लैड क्रिकेट टीम (england cricket team) ने पर्थ स्टेडियम में खेले गए टी-20 सीरीज के पहले मुकाबले में रविवार को ऑस्ट्रेलिया (Australia) को आठ रन (beat eight runs) से हरा दिया। विश्व कप (world Cup) से पहले दोनों टीमों के लिए यह सीरीज काफी अहम है। इंग्लैंड ने हाल ही में पाकिस्तान को सात टी-20 मैचों की सीरीज में 4-3 से हराया था। वहीं ऑस्ट्रेलिया को भारतीय सरजमीं पर तीन मैचों की सीरीज में 2-1 से हार झेली थी।
टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड ने निर्धारित 20 ओवरों में छह विकेट खोकर 208 रन बनाए। टीम की ओर से एलेक्स हेल्स ने सर्वाधिक 84 रन बनाए।
कंगारूओं की ओर से नाथन एलिस ने तीन विकेट लिए। ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम ने 20 ओवर में नौ विकेट खोकर 200 रन बनाए। टीम की ओर से डेविड वार्नर ने सर्वाधिक 73 रन बनाए। इंग्लैंड की ओर से मार्क वुड (3/34) सबसे सफल गेंदबाज रहे।
पहला विकेट (कैमरन ग्रीन, एक) जल्दी गिरने के बाद वार्नर और मिचेल मार्श (36) ने दूसरे विकेट के लिए 71 रन जोड़े। इस सलामी बल्लेबाज ने काफी देर तक एक छोर संभाले रखा, लेकिन दूसरे छोरे से विकेट लगातार गिरते रहे। ग्रीन (एक), आरोन फिंच (12), टिम डेविड (0), मैध्यू वेड (21), डेनियल सैम्स (छह) ने निराश किया। वार्नर ने स्टोइनिस (35) के साथ भी अर्धशतकीय साझेदारी की, लेकिन वे टीम को जीत नहीं दिला सके।
जोस बटलर (68) और हेल्स ने रिकॉर्ड साझेदारी कर इंग्लैंड को विशाल स्कोर तक पहुंचाया। दोनों ने पहले विकेट लिए मात्र 68 गेंदों में ही 132 रन ठोक दिए। इस फॉर्मेट में इंग्लैंड की ओर से पहले विकेट के लिए ये दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी रही। हेल्स ने 164.71 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हुए 51 गेंदों में 12 चौके और तीन छक्कों की मदद से शानदार पारी खेली। ये उनका इस फॉर्मेट में 10वां अर्धशतक रहा।
बटलर-हेल्स की रिकॉर्ड साझेदारी के बाद इंग्लिश टीम लड़खड़ा गई, हालांकि विशाल स्कोर खड़ा होने के कारण टीम को ज्यादा नुकसान नहीं झेलना पड़ा।
स्टोक्स (नौ), हैरी ब्रुक (12), मोईन अली (10) और सैम करेन (दो) जल्दी आउट हो गए। चोट के बाद वापसी कर रहे बटलर ने 32 गेंदों में 68 रनों की तूफानी पारी खेली। उन्होंने पारी में 213 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हुए आठ चौके और चार छक्के जमाए।
टी-20 अंतरराष्ट्रीय में बटलर 200 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट से सर्वाधिक बार 50 से अधिक की पारियां (तीन) खेलने वाले विकेटकीपर बन गए हैं। न्यूजीलैंड के ब्रैंडन मैक्कुलम भी इतनी ही बार ये कारनामा कर चुके हैं।