नई दिल्ली। कच्चे तेल की कीमत में आई तेजी और डॉलर इंडेक्स की मजबूती के कारण भारतीय मुद्रा रुपये ने आज एक बार फिर डॉलर के मुकाबले गिरावट का नया रिकॉर्ड बनाया। भारतीय मुद्रा आज 44 पैसे की कमजोरी के साथ 82.32 रुपये प्रति डॉलर (अस्थाई) के स्तर पर पहुंचकर बंद हुई। हालांकि दिन के कारोबार के दौरान रुपया डॉलर के मुकाबले गिरकर 82.33 के स्तर तक भी पहुंचा था।
इंटर-बैंक फॉरेन सिक्योरिटी एक्सचेंज में आज भारतीय मुद्रा ने 0.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ 82.19 रुपये प्रति डॉलर के स्तर से कारोबार की शुरुआत की। मुद्रा बाजार में कामकाज शुरू होने के बाद रुपये की कमजोरी लगातार बढ़ती गई। थोड़ी ही देर में भारतीय मुद्रा डॉलर के मुकाबले 0.5 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 82.33 रुपये प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर तक पहुंच गई। दिन के कारोबार के दौरान रुपये की कीमत में लगातार उतार चढ़ाव होता रहा, लेकिन अंत में रुपये ने रिकॉर्ड लो लेवेल से 1 पैसे की रिकवरी करके 82.32 रुपये प्रति डॉलर (अस्थाई) के स्तर पर आज के कारोबार का अंत किया।
मुद्रा बाजार के जानकारों का मानना है कि रुपये के लिए डॉलर इंडेक्स की मजबूती पहले से ही सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है, लेकिन पिछले 1 सप्ताह के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में आई तेजी से रुपये पर और भी अधिक दबाव बन गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 95 डॉलर प्रति बैरल के स्तर के करीब पहुंच गई है। सिर्फ इसी सप्ताह के कारोबार में कच्चे तेल की कीमत में करीब 11 प्रतिशत तक की तेजी आई है। दरअसल, कच्चे तेल के उत्पादक देशों (ओपेक कंट्रीज) द्वारा तेल के उत्पादन में कटौती करने के फैसले के बाद से ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत में तेजी का रुख बना हुआ है। माना जा रहा है कि कच्चे तेल की कीमत जल्दी ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में 100 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक भी पहुंच सकती है। ऐसा होने पर मुद्रा बाजार में रुपये की कीमत पर दबाव और भी अधिक बन सकता है।
बताया जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत के साथ ही डॉलर इंडेक्स की तेजी भी रुपये पर लगातार दबाव बनाए हुए है। डॉलर इंडेक्स में भी इस सप्ताह लगातार तेजी का रुख बना रहा है। डॉलर इंडेक्स 109.80 के स्तर से उछलकर 112.12 के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया है, जिसकी वजह से डॉलर के मुकाबले रुपये समेत दुनियाभर की तमाम मुद्राएं गिरकर कारोबार कर रही हैं। जानकारों के मुताबिक मौजूदा प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियों के बीच अगर कच्चे तेल की कीमत का बढ़ना जारी रहा तो भारतीय मुद्रा आने वाले दिनों में प्रति डॉलर 83.50 रुपये के स्तर को भी पार कर सकती है। (एजेंसी, हि.स.)