धमतरी । तेज धूप, भारी उमस व बादल वाले मौसम लोगों के साथ-साथ किसानों के धान फसल के लिए भारी नुकसानदायक है। धान फसल में पत्तीमोड़क, बीएलबी और तनाछेदक बीमारियां हो गई है। धान फसल को बचाने किसान कीटनाशक का छिड़काव कर रहे हैं। वहीं भारी वर्षा अब अर्ली वेरायटी के धान फसल के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
वर्षा थमने के बाद मौसम में बदलाव आ गया है, जो किसानों के धान फसल के लिए भारी नुकसानदायक है। तेज धूप, भारी उमस और बादल वाले मौसम से किसानों के खेतों में तैयार हो रहे धान फसल में तेजी से पत्तीमोड़क, बीएलबी (बैक्टिरियल लिफ ब्लाइड) और तनाछेदक बीमारियां हो रही है, इससे फसल पर विपरीत असर पड़ने लगा है। फसल बचाने किसान तेजी के साथ अपने खेतों पर कीटनाशक का छिड़काव कर रहे हैं, ताकि बीमारियां दूर हो सके। किसान मनोहर लाल, घनाराम साहू, ओंकार यादव, संजय साहू ने बताया कि फसल को बचाने के लिए कई प्रकार के कंपनियों के कीटनाशक का छिड़काव कर रहे हैं, इसके बाद ही कुछ राहत मिल रही है। कृषि अधिकारी एफएल पटेल ने बताया कि भारी उमस के चलते धान फसल पर सबसे अधिक पत्तीमोड़क फैलता है। इन दिनों खराब मौसम धान फसल के लिए नुकसानदायक है। किसान कृषि विशेषज्ञों के राय लेकर कीटनाशक का छिड़काव करें। बिना जानकारी लिए कोई भी कीटनाशक का छिड़काव न करें। नहीं तो धान फसल खराब होने की आशंका रहता है। धान फसल में बीमारी बढ़ने के कारण निजी कीटनाशक दुकानों में कीटनाशक खरीदी के लिए किसानों की भीड़ बढ़ रही है।
तेज वर्षा अब नुकसानदायक
किसान घनाराम साहू, साधूराम का कहना है कि अर्ली वेरायटी के धान फसल लेने वाले कई किसानों के खेतों में धान की बालियां निकल आई है। 10 से 12 दिनों के भीतर ज्यादातर किसानों के धान के पौधों से बालियां निकल आएगी, ऐसे में तेज वर्षा पौधों को जमीन पर गिरा सकते हैं। वहीं पौधों में लगी फूल झड़ जाएगी। इससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। जबकि लेट वेरायटी के धान फसल के लिए अधिक वर्षा फायदेमंद है।