Friday, September 20"खबर जो असर करे"

अडाणी समूह ने एनडीटीवी के शेयर आवंटन के लिए सेबी की मंजूरी का दावा किया खारिज

-शेयर आवंटन के लिए सेबी की मंजूरी को जरूरी बताने की एनडीटीवी की दलील खारिज किया

नई दिल्ली। कारोबारी गौतम अडाणी की अगुवाई वाली अडाणी समूह ने एनडीटीवी के शेयर अधिग्रहण के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की मंजूरी के दावे को खारिज कर दिया है। एनडीटीवी ने दावा किया था कि अडाणी समूह को उसकी 29.18 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने के लिए सेबी की मंजूरी जरूरी है।

अडाणी समूह ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि उसकी प्रवर्तक इकाई आरआरपीआर लिमिटेड नियामक के उस आदेश का हिस्सा नहीं है, जिसमें प्रणय रॉय और राधिका रॉय के प्रतिभूति बाजार में कारोबार करने पर रोक लगाई गई थी। अडाणी समूह ने दो दिन पहले एनडीटीवी में 29.18 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का ऐलान किया था, जिसके बाद एनडीटीवी ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी।

अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने शेयर बाजारों को भेजी जानकारी में कहा कि 23 अगस्त, 2022 के वॉरेंट एक्सरसाइज नोटिस पर वीसीपीएल को आरआरपीआर की ओर से जवाब प्राप्त हुआ है। कंपनी ने बताया कि आरआरपीआर सेबी के 27 नवंबर, 2020 को जारी आदेश में पक्षकार नहीं है। ऐसे में आरआरपीआर ने सेबी की लगाई गई जिस पाबंदी का उल्लेख किया है, वह आरआरपीआर पर लागू नहीं होती है।

दरअसल, एनडीटीवी ने शेयर बाजार को बताया था कि अडाणी समूह की फर्म विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (वीसीपीएल) के लिए एनडीटीवी की प्रवर्तक इकाई आरआरपीआर लिमिटेड में हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने के लिए बाजार नियामक सेबी की मंजूरी जरूरी है। एनडीटीवी ने बताया था कि पाबंदी की अवधि 26 नवंबर, 2022 को खत्म होगी।

उल्लेखनीय है कि एनडीटीवी के संस्थापक प्रवर्तकों प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने 2009 में करीब 400 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। इसके बदले में अडाणी समूह ने इस मीडिया हाउस की 29.18 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का ऐलान किया है। समूह ने इस मीडिया हाउस की 26 फीसदी हिस्सेदारी के लिए ओपन ऑफर लाने की बात भी कही थी, जिसके बाद उसकी कुल हिस्सेदारी 55 फीसदी हो सकती है। (एजेंसी, हि.स.)