
दिल्ली विश्वविद्यालय दक्षिणी परिसर का मल्टीमीडिया स्टूडियो मल्टीमीडिया सामग्री के निर्माण को सुविधाजनक बनाने के लिए उन्नत तकनीक और उपकरणों से सुसज्जित एक अत्याधुनिक स्टूडियो है। इसमें ऑडियो और वीडियो उत्पादन, ग्राफिक डिजाइन, एनीमेशन और अन्य डिजिटल मीडिया प्रोजेक्ट शामिल हो सकते हैं। स्टूडियो को छात्रों के एक रचनात्मक और सहयोगी स्थान प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। जहां वे विभिन्न मल्टीमीडिया तत्वों का उपयोग करके अपने विचारों को जीवंत कर सकते हैं।
पॉडकास्ट के कार्यक्रम के दौरान कुलपति प्रो योगेश सिंह ने डॉ सीमा भारती द्वारा पूछे गए प्रश्नों के जवाब में कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति के तीन वर्ष की कार्यावधि के अंतर्गत ही उन्होंने आधारभूत संरचनाओं पर कार्य किया और लगभग 22 ऐसे प्रोजेक्ट्स हैं, जो अभी भी चल रहे हैं और आगे भी वह इन कार्यों को करने में पीछे नहीं हटेंगे। पिछले तीन दशकों के बाद इस विश्वविद्यालय में एक नया कॉलेज जुड़ा है।
योगेश सिंह ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पहली बार दिल्ली विश्वविद्यालय में ही लागू करने के प्रश्न पर कहा कि मैं तो चाहता हूँ कि पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति पूर्ण रूप से लागू हो और इस प्रयोग द्वारा शिक्षा में कुछ नई चीजों का भी समावेश कर सकें।
उन्होंने अंत में कहा कि अध्यापकों को एक बात ध्यान रहे कि जो पत्रकार आप तैयार करें, वह इस देश से प्यार करने वाले हों, इस देश के हित को संभालने वाले हों और जो निज हित को देश हित से ऊपर नहीं रखता हो।
इस दौरान प्रो बलराम पाणी (अधिष्ठाता), प्रो प्रकाश सिंह (निदेशक- दक्षिणी परिसर), डॉ विकास गुप्ता (कुलसचिव), अनूप लाठर (अध्यक्ष- सांस्कृतिक परिषद), प्रो सुधा सिंह (विभागाध्यक्ष-हिंदी), प्रो अनिल राय (प्रभारी- हिंदी विभाग दक्षिणी परिसर), प्रशांत नागर, डॉ सीमा भारती, प्रभाकर मिश्रा एवं अन्य पूर्व छात्र एवं वर्तमान छात्र उपस्थित रहे। (हि.स.)