
जोधपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय की न्यायाधीश डॉ. नूपुर भाटी ने बीमा दावे से संबंधित एक महत्वपूर्ण निर्णय में बीमाधारक की रिट याचिका स्वीकार करते हुए बीमा कंपनी को संशोधित दावा राशि चुकाने का आदेश दिया है। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि बीमा पॉलिसी में डेप्रिसिएशन और ओल्ड स्टॉक के आधार पर कटौती का कोई प्रावधान नहीं है, अतः स्थायी लोक अदालत द्वारा की गई यह कटौती अनुचित है।
वहीं बीमा कंपनी, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस, की ओर से यह दलील दी गई कि दुकानदार के दावे में जिस प्रकार का नुकसान हुआ है, वह बीमा पॉलिसी के तहत कवर नहीं होता और इसलिए स्थायी लोक अदालत के आदेश को खारिज किया जाना चाहिए। लेकिन न्यायाधीश डॉ. नूपुर भाटी ने बीमा कंपनी की रिट याचिका को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि बीमा पॉलिसी में कंपन या मशीनी उपकरण के कारण हुए नुकसान को भी कवर किया गया है और इस प्रकार बीमा कंपनी को दायित्व से मुक्त नहीं किया जा सकता।