-एटीएस और वडोदरा की एसओजी टीम ने की थी छापेमारी
अहमदाबाद। गुजरात में समुद्र के रास्ते मादक पदार्थों की तस्करी पर गुजरात एटीएस ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। एटीएस ने राज्य के वडोदरा की एक फैक्टरी में बन रही नशीली दवाओं की खेप जब्त की है। इसका वजन 200 किलो है। इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 1000 करोड़ रुपये आंकी गई है।
गुजरात एटीएस के डीआईजी दीपेन भद्रन ने बताया कि एटीएस को सूचना मिली कि वडोदरा के सावली के पास गांव मोक्सी में नेक्टर केम नामक फैक्टरी में करोड़ों रुपये का नशीला पदार्थ रखा है। इसी के आधार पर 15 अगस्त को गुजरात एटीएस और वडोदरा एसओजी की 25 से ज्यादा टीमों ने सावली के मोक्सी गांव में उक्त फैक्टरी में छापेमारी की। इस दौरान 1000 करोड़ रुपये की 200 किलो (एमडी ड्रग्स) बरामद हुआ। जिन्हें बाद में 13 बड़े बक्सों में भरकर वाहन में रख दिया गया। इन दवाओं को मुंबई और गोवा भेजा गया था। एटीएस को संदेह है कि इन दवाओं की एक बार पहले भी तस्करी हो चुकी है।
एटीएस सूत्रों के अनुसार इस फैक्टरी में एमडी दवाओं का निर्माण केमिकल प्रोसेसिंग से किया जाता था। जिसकी आपूर्ति गुजरात समेत अन्य राज्यों को भी की गई थी। अब गुजरात एटीएस इस रैकेट के तार का पता लगाने के लिए जांच कर रही है।
डीआईजी दीपेन ने बताया कि बरामद 200 किलो दवा की जांच की जा रही है। ये दवा छह माह पहले बनाई गई थी। हम जांच कर रहे हैं कि कहां और कितनी दवा की आपूर्ति की गई। एटीएस, एफएसएल, पुलिस की विभिन्न शाखाएं और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचकर मामले में कार्रवाई कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि छह माह पहले नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और भारतीय नौसेना ने एक संयुक्त अभियान चलाकर दो हजार करोड़ की 529 किलोग्राम हशीश, 234 किलोग्राम मेथामफेटामाइन और हेरोइन जब्त की थी। भूमध्य सागर में किया जाने वाला यह पहला ऐसा ऑपरेशन था। एनसीबी को उक्त मादक पदार्थों की तस्करी के बारे में जानकारी मिली थी, जिसकी सूचना नेवल इंटेलिजेंस यूनिट को दी गई। जिसके बाद दोनों एजेंसियों ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन को अंजाम दिया था। पोरबंदर के समुद्र से भारी मात्रा में मादक पदार्थ बरामद हुआ था। उक्त दवाओं की तस्करी पड़ोसी देशों से समुद्र के रास्ते भारत और अन्य देशों में की जा रही थी। (एजेंसी, हि.स.)