
काठमांडू। नेपाल में लिटिल बुद्ध के नाम से मशहूर आध्यात्मिक नेता राम बहादुर बमजन को जनकपुर हाई कोर्ट ने बाल यौन शोषण के एक मामले में बरी कर दिया है। जस्टिस खेमराज भट्ट और नरिश्वर भंडारी की खंडपीठ ने जिला अदालत के फैसले को दोषपूर्ण बताते हुए तर्क दिया कि तय सीमा की समाप्ति के बाद बमजन के खिलाफ मामला दायर किया गया था।
सर्लाही की जिला अदालत ने एक जुलाई, 2024 को इसी मामले में बमजन को यौन शोषण का दोषी ठहराया था, जिसे जनकपुर हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी।हाई कोर्ट ने जिला अदालत के फैसले को पलटते हुए लिटिल बुद्ध को यौन शोषण के आरोपों से बरी कर दिया। बुधवार को हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सर्लाही जिला अदालत से तपस्वी बमजन के खिलाफ दी गई 10 साल की जेल की सजा और 5 लाख रुपये का जुर्माना लागू नहीं किया जा सकता है, क्योंकि फैसले में ही त्रुटि है।
हाई कोर्ट ने कहा कि मामला 1 फरवरी, 2017 तक दायर किया जाना चाहिए था, जबकि यह माला 5 फरवरी, 2017 को दायर किया गया था। बमजन पर दस बच्चों का यौन शोषण करने का आरोप लगाया गया था। कथित तौर पर उनके एक आश्रम में रहने के दौरान किए गए अपराध प्रारंभिक सजा बाल अधिनियम, 2018 पर आधारित थी, लेकिन हाई कोर्ट ने माना कि इस मामले में बाल अधिनियम को पूर्वव्यापी रूप से लागू नहीं किया जा सकता, क्योंकि कानूनी समय सीमा पारित होने के बाद शिकायत दर्ज की गई थी। (हि.स.)