मुंबई। हमारे जीवन को समृद्ध बनाता है, खूबसूरत यादें संजोता है, और हमें गहराई से दुनिया से जोड़ता है। इस नेशनल टूरिज़्म डे पर एण्डटीवी के कलाकारों ने अपनी हाल की यात्रा के रोमांचक अनुभवों के बारे में बताया। इन कलाकारों में शामिल हैं – स्मिता सेबल (‘भीमा‘ की धनिया), गीतांजलि मिश्रा (‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की राजेश) और शुभांगी अत्रे (‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अंगूरी भाबी)। स्मिता सेबल ऊर्फ ‘भीमा‘ की धनिया ने कहा, ‘‘हाल ही में, मुझे अपने परिवार के साथ महाबलेश्वर जाने का मौका मिला और यह सफर आनंददायक एवं सुकूनदायक पलों से भरपूर था। पश्चिमी घाटों की गोद में बसा महाबलेश्वर, उसकी हरी-भरी वादियों और ठंडी हवाओं ने हमें शांति का अनुभव कराया। यात्रा का एक प्रमुख आकर्षण विल्सन प्वाइंट (जिसे सनराइज प्वाइंट भी कहा जाता है) था, जहाँ हमने सबसे सुंदर सूर्योदय देखा। सूरज के सोने जैसे रंगों को पहाड़ियों पर फैलते हुए देखना एक जादुई पल था, जिसने हमें अद्भुत और आभार से भर दिया।
हम वेन्ना झील भी गये, जहाँ हमने झील और जंगल से घिरे अद्भुत दृश्य के बीच शांतिपूर्ण नाव की सवारी का आनंद लिया। एक और यादगार अनुभव था मैप्रो गार्डन का दौर। वहाँ की ताजी स्ट्रॉबेरी, ताजे जूस और प्रसिद्ध स्ट्रॉबेरी क्रीम ने हमारी स्वादइंद्रियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अपने परिवार को इन पलों का आनंद उठाते देखना सुकूनदायक अनुभव था। हमने इस खूबसूरत गार्डन के जीवंत वातावरण का भी लुत्फ उठाया। महाबलेश्वर ने हमें रोजना की भागदौड़ से भरी जिंदगी से एक जरूरी छुट्टी दी। इस यात्रा ने न केवल हमारे मनोबल को फिर से एक नई ऊर्जा दी, बल्कि हमें हंसी, प्यार और अपने प्रियजनों के साथ के अनमोल पल भी दिये।‘‘
गीतांजलि मिश्रा ऊर्फ ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की राजेश ने कहा, ‘‘ताज महल को देखना हमेशा से मेरा सपना रहा था, और हाल ही में मुझे इसकी बेमिसाल खूबसूरती का अनुभव करने का मौका मिला। जब मैं इस प्रेम के प्रतीक के सामने खड़ी थी, तो इसकी भव्यता और शाश्वत आकर्षण ने मुझे मंत्रमुग्ध कर दिया। सफेद संगमरमर, इस पर की गई बारीक नक्काशी और सूर्य की रोशनी में इसकी चमक को देखना सच में अद्वितीय था। ताज के हरे-भरे बागों में चलते हुए, मुझे शांति और आश्चर्य का अहसास हुआ, और मैंने इस भव्य संरचना के पीछे छिपी प्रेम कथा की कल्पना की।
पीछे से बहती यमुना नदी ने इस माहौल को और भी अद्भुत बना दिया। संगमरमर के मंच पर खड़े होकर, विशाल गुंबद को निहारते हुए, मैंने उस कारीगरी और समर्पण की सराहना की, जो इस अद्वितीय धरोहर को बनाने में लगी थी। ताजमहल सिर्फ एक स्मारक नहीं, बल्कि एक ऐसा अनुभव है जो दिल को छू जाता है। यह यात्रा केवल दर्शनीय स्थलों तक सीमित नहीं थी, बल्कि यह इतिहास से जुड़ने और प्रेम के सबसे पवित्र और सुंदर रूप को महसूस करने का एक अद्भुत अवसर था।‘‘ शुभांगी अत्रे ऊर्फ ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अंगूरी भाबी ने कहा, ‘‘इस साल की शुरुआत एक अद्भुत आध्यात्मिक यात्रा के साथ हुई, जिसने मुझे सच में धन्य महसूस कराया।
मेरी पहली मंजिल थी-वाराणसी। यह एक ऐसा शहर है, जो दिव्य ऊर्जा और अद्वितीय शांति से भरपूर है। गंगा के घाटों पर घूमना और शाम को गंगा आरती का मंत्रमुग्ध दृश्य देखना सचमुच जादुई अनुभव था। मंत्रोच्चारण, अगरबत्तियों की खुशबू और नदी में तैरते हुए दीपकों का दृश्य एक अद्भूत आभा पैदा कर रहा था। काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा अर्चना करना एक भावनात्मक पल था, जिसने मुझे मेरी आध्यात्मिक जड़ों से एक नए तरीके से जोड़ा। वाराणसी के बाद, मेरी आध्यात्मिक यात्रा उज्जैन की ओर बढ़ी, जहाँ मैंने प्रतिष्ठित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का दर्शन किया। मंदिर का दिव्य माहौल और भगवान शिव के सामने प्रार्थना करने के अवसर ने मेरे दिल को कृतज्ञता से भर गया। इस शहर के समृद्ध इतिहास और पवित्र ऊर्जा ने मुझे मंत्रमुग्ध कर दिया।‘‘