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BMC चुनाव अकेले लड़ेगी उद्धव सेना, अब तो कांग्रेस भी नहीं दे रही भाव

मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद राज्य के विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (MVA) में दरारें स्पष्ट दिख रही हैं। पहले समाजवादी पार्टी (सपा) ने MVA से नाता तोड़ लिया, अब उद्धव सेना भी आगामी चुनाव अकेले लड़ने पर विचार कर रही है।
बता दें कि आगामी बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) और महाराष्ट्र के अन्य स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने संकेत दिया है कि पार्टी इन चुनावों में अकेले उतरने की तैयारी कर रही है। पार्टी के नेता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि महा विकास अघाड़ी (MVA) के सहयोगी दलों ने अभी तक इन चुनावों को साथ मिलकर लड़ने का कोई निर्णय नहीं लिया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, राउत ने कहा, “अब तक कोई भी स्थानीय निकाय चुनाव गठबंधन में नहीं लड़ा गया है… यहां तक कि जब कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और शिवसेना-भाजपा के बीच गठबंधन था, तभी चुनाव अकेले लड़े गए थे। ये अलग तरह के चुनाव होते हैं, जिनमें अकेले उतरकर स्थानीय कैडर को मजबूत करना चाहिए और बाद में इसका इस्तेमाल लोकसभा और विधानसभा चुनावों में करना चाहिए।”

संजय राउत के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने इसे “हताशा” करार दिया। उन्होंने कहा, “अगर शिवसेना (UBT) स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ना चाहती है, तो यह उनका फैसला है।” हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस गठबंधन में चुनाव लड़ने के लिए तैयार है, लेकिन राउत का यह रुख स्पष्ट करता है कि शिवसेना (UBT) अकेले जाना चाहती है।

हिंदुत्व पर जोर और शिवसेना की रणनीति
हाल के दिनों में शिवसेना (UBT) ने अपने कट्टर हिंदुत्व विचारधारा की ओर लौटने के संकेत दिए हैं। मंगलवार को पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुंबई में पार्टी के पूर्व नगरसेवकों की बैठक बुलाई। इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं से स्थानीय चुनावों पर ध्यान केंद्रित करने और अपने क्षेत्र के हर घर में हिंदुत्व विचारधारा फैलाने को कहा। बैठक में कुछ नगरसेवकों ने पार्टी से मांग की कि वह अकेले चुनाव लड़े।

एनसीपी और बीजेपी के गठजोड़ पर राउत का हमला
इस बीच, दिल्ली में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बीच बैठक के बाद राज्य की राजनीति में नई अटकलें शुरू हो गई हैं। इन अटकलों पर प्रतिक्रिया देते हुए राउत ने कहा कि अजित पवार के साथ हाथ मिलाना मतलब बीजेपी के साथ गठबंधन करना होगा। उन्होंने कहा, “मैं शरद पवार को अच्छी तरह जानता हूं। वह कभी भी अपनी धर्मनिरपेक्ष विचारधारा से समझौता नहीं करेंगे।”

राउत ने उद्योगपति गौतम अडानी पर भी निशाना साधते हुए कहा, “महाराष्ट्र की राजनीति के सभी बड़े फैसले अडानी के घर हो रहे हैं। अडानी, जो महाराष्ट्र के एयरपोर्ट्स और अन्य प्रतिष्ठानों को अपने कब्जे में लेकर राज्य को लूट रहे हैं, वह अब राज्य का भविष्य तय कर रहे हैं। इसमें शामिल नेताओं को शर्म आनी चाहिए।”

कैबिनेट बर्थ पर दावा
संजय राउत ने दावा किया कि अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को केंद्रीय कैबिनेट में जगह पाने के लिए शरद पवार गुट के पांच-छह सांसदों की जरूरत है। उन्होंने कहा, “बीजेपी ने अजित पवार की एनसीपी को कहा है कि यदि वह शरद पवार गुट से पांच-छह सांसद अपने पक्ष में ला सके, तो उन्हें कैबिनेट में स्थान मिलेगा।”