मुंबई। दिग्गज म्यूजिशियन एआर रहमान (AR Rahman) शादी के 29 साल बाद अपनी पत्नी सायरा बानो से तलाक लेने जा रहे हैं। दोनों के तीन बच्चे हैं जिन्होंने बयान जारी करके प्राइवेसी दिए जाने की बात कही है। रहमान की पत्नी सायरा बानो की वकील वंदना ने एक बयान में बताया कि कई सालों तक शादी के बंधन में रहने के बाद मानसिक तनाव के चलते दोनों ने अपने रास्ते अलग करने का यह मुश्किल फैसला लिया है। पत्नी और बच्चों के बाद अब दिग्गज म्यूजिशियन एआर रहमान का भी इस मामले पर रिएक्शन आ गया है। रहमान ने पोइटिक अंदाज में अपनी बात लिखी है और कहा है कि वो 30 के पड़ाव तक पहुंचने की उम्मीद कर रहे थे। इसी बीच एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा की मां मधु चोपड़ा ने शॉकिंग खुलासा किया. उन्होंने बॉलीवुड को घटिया जगह बताते हुए इसे नरक का गड्ढा करार दिया है.
दूसरी ओर ऑस्कर विजेता संगीतकार एआर रहमान AR Rahman ने एक बार अपनी पत्नी सायरा से मिलने का किस्सा बताते हुए कहा था कि लगभग सत्ताईस साल की उम्र में, उन्हें लगा कि शादी करने का यह सही समय है. एआर रहमान ने बताया कि वो 29 साल के हो चुके थे.
ये शादी करने का सही समय था, ऐसे में उन्होंने अपनी मां को ये काम सौंप दिया और रहमान कहते हैं, ईमानदारी से कहूं, तो मेरे पास दुल्हन खोजने का समय नहीं था. मैं रंगीला और बॉम्बे पर काम कर रहा था. मैंने अपनी मां से कहा कि मेरे लिए दुल्हन खोजो. उन्होंने बताया कि वह हमेशा से शर्मीले रहे हैं और लड़कियों से ज़्यादा बात नहीं करते थे. अपने स्टूडियो में कई यंग महिला सिंगर्स के साथ काम किया. वे सबका बहुत सम्मान करते थे. लेकिन कभी किसी को दूसरी नज़र से नहीं देखा. वे अपने काम पर इतना फोकस रहते थे कि बाकी रिश्तों के बारे में सोचने के लिए उनके पास वक्त नहीं था.
नॉर्मल थी मुलाकात
संगीत के उस्ताद ने बताया कि यह उनकी मां और बहन फ़ातिमा थीं जिन्होंने पहली बार सायरा को चेन्नई में सूफ़ी संत मोती बाबा की दरगाह पर देखा था. हालांकि उनकी मां सायरा या उनके परिवार को नहीं जानती थीं, लेकिन वे पास में ही रहते थे, इसलिए वे सहजता से उनके पास चली गईं और उनसे बात की. मुलाकात सरल और आसान थी.
कभी-कभी तालमेल बिठाना मुश्किल होता था
एआर रहमान ने इस बारे में भी बात की कि उनके परिवार ने उनकी शादी पर कैसी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने बताया कि वह दक्षिण भारतीय पृष्ठभूमि से आते हैं, जबकि सायरा गुजराती परिवार से हैं और उत्तर भारतीय परंपराओं के साथ पलीबढ़ी हैं. उन्होंने बताया कि किसी भी परिवार की तरह, उनके परिवार के लिए भी किसी नए व्यक्ति के साथ तालमेल बिठाना चुनौतीपूर्ण था. उनकी मां, इसे लेकर कई बार चिंतिंत हो जाती थीं. खासकर जब वे ज्वाइंट फैमिली में रहते थे. हालांकि, 1995 में उनकी सबसे बड़ी बेटी खतीजा के जन्म के बाद, सब कुछ ठीक हो गया.
बचपन से था संगीत का शौक
बता दें, संगीतकार एआर रहमान की जिंदगी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. कामयाबी हासिल करने से पहले उन्होंने कड़ा संघर्ष भी किया. 6 जनवरी 1967 को तमिलनाडु में जन्में रहमान का रूझान बचपन के दिनों से हीं संगीत की ओर था. उनके पिता आर.के.शेखर मलयालम फिल्मों के लिए संगीत दिया करते थे. रहमान भी अपने पिता की तरह ही संगीतकार बनना चाहते थे. संगीत के प्रति रहमान के बढ़ते रूझान को देख उनके पिता ने उन्हे इस राह पर चलने के लिए प्रेरित किया और उन्हें संगीत की शिक्षा देने लगे.
क्यों बदला था नाम
जन्म के समय उनका नाम ए एस दिलीप कुमार था. लेकिन उन्हें अपने इस नाम से नफरत थी इसलिए रहमान ने बाद में अपना नाम बदल लिया क्योंकि ये नाम उन्हें, उनके संघर्ष के दिनों की याद दिलाता था.
पिता का साया सिर से उठ गया
रहमान अभी संगीत सीख हीं रहे थे तो उनके सर से पिता का साया उठ गया लेकिन रहमान ने हिम्मत नही हारी और संगीत का रियाज सीखना जारी रखा. रहमान कभी भी फिल्मों में संगीत देना नहीं चाहते थे. वे बैंड और नॉनफिल्मी म्यूजिक तक सीमित रहना चाहते थे. लेकिन उन्हें फिल्म म्यूजिक चुनना पड़ा.
बीमार हो गई थी बहन
25 साल की उम्र में रहमान खुद को बेहद असफल मानते थे और रोज आत्महत्या के बारे में सोचते थे. वर्ष 1989 की बात है रहमान की छोटी बहन काफी बीमार पड़ गई और सभी डॉक्टरों ने यहां तक कह दिया कि उसके बचने की कोई उम्मीद नहीं है.
रहमान ने इस्लाम कबूल लिया
रहमान ने अपनी छोटी बहन के जीवन की खातिर मंदिरमस्जिदों में दुआयें मांगी जल्द हीं उनकी दुआ रंग लाई और उनकी बहन चमत्कारिक रूप से एकदम स्वस्थ हो गई.इस चमत्कार को देख रहमान ने इस्लाम कबूल कर लिया और इसके बाद उनका नाम ए.एस. दिलीप कुमार से अल्लाह रखा रहमान यानि ए.आर.रहमान हो गया.
ले रहे हैं तलाक
बता दें,‘शादी के कई सालों के बाद, सायरा ने अपने पति एआर रहमान से अलग होने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि वे बहुत परेशान और दर्द में थीं. ये रिश्ता बना रहे इसके लिए उन्होंने काफी कोशिश की लेकिन तनाव और कठिनाइयों ने उनके बीच एक ऐसी खाई पैदा कर दी है, जिसे पाटने में कोई भी पक्ष इस समय सक्षम महसूस नहीं करता है. सायरा ने इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने दर्द और पीड़ा के कारण यह फैसला लिया है.