Friday, November 15"खबर जो असर करे"

जलवायु परिवर्तन: दो दिन में ऐसी बारिश, बंजर रेगिस्तान भी बना झीलों का घर

रबात। नासा ने सैटेलाइट के जरिये सहारा की रेत, आसपास के प्राचीन महलों और रेगिस्तानी वनस्पतियों से बहते पानी की शानदार तस्वीरें कैद की हैं। ताड़ के वृक्षों और रेत के टीलों के बीच अब यह नीले लैगून सा नजर आ रहा है। मोरक्को की इरिकी झील भी 50 साल बाद पानी से पूरी तरह लबालब है।
दुनिया के सबसे सूखे और बंजर क्षेत्र माने जाने वाले अफ्रीका के सहारा रेगिस्तान में 50 साल बाद ऐसी भारी बारिश हुई कि यह जगह हरियाली से भर उठी है। महज दो दिन की बारिश में आमतौर पर बंजर रेत के टीले अब पानी की चादरों के नीचे डूबे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार जलवायु परिवर्तन और असामान्य मौसम परिस्थितियों के चलते ऐसी स्थिति बनी है। नासा ने सैटेलाइट के जरिये सहारा की रेत, आसपास के प्राचीन महलों और रेगिस्तानी वनस्पतियों से बहते पानी की शानदार तस्वीरें कैद की हैं। ताड़ के वृक्षों और रेत के टीलों के बीच अब यह नीले लैगून सा नजर आ रहा है। मोरक्को की इरिकी झील भी 50 साल बाद पानी से पूरी तरह लबालब है। इससे पहले सहारा रेगिस्तान में 1974 में 6 साल के सूखे के बाद बारिश हुई थी जो बाद में बाढ़ में बदल गई थी।

24 घंटे में 100 मिमी बारिश
दक्षिण-पूर्वी मोरक्को में पूरे साल औसतन 250 मिमी से भी कम बारिश होती है। मगर, सितंबर में ही कई इलाकों में पिछले दो दिनों में असामान्य बारिश हुई है। सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक टाटा में बारिश के बाद अद्भुत नजारा दिख रहा है। वहीं, राजधानी रबात से करीब 450 किमी दूर दक्षिण स्थित तगौनिट गांव में 24 घंटों में 100 मिमी बारिश हो चुकी हैै।

भूमिगत जलस्रोत भरने की उम्मीद
मोरक्को के मौसम विज्ञान महानिदेशालय के अधिकारी हुसैन योआबेब ने कहा, यह दुर्लभ उष्णकटिबंधीय तूफान है और आने वाले वक्त में मौसम पैटर्न को बदल सकता है। यह भविष्य में अधिक तूफानों की वजह बन सकता है। यह बारिश भूमिगत जल स्रोतों को फिर से भरने में मदद कर सकती है।