ईटानगर/नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) (Regional Rural Banks (RRBs) को जमीनी स्तर के कृषि कर्ज वितरण में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का निर्देश दिया। उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से बागवानी और सुअर पालन, मुर्गी पालन, डेयरी तथा मत्स्य पालन जैसी संबद्ध कृषि गतिविधियों पर विशेष ध्यान देने को कहा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के इटानगर सचिवालय में पूर्वोत्तर राज्यों के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की समीक्षा बैठक के दौरान यह बात कही। उन्होंने इन बैंकों से विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के तहत ऋण मंजूर करते समय सही लाभार्थियों की पहचान पर ध्यान देने का आग्रह किया। सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा राज्यों को कवर करने वाले पूर्वोत्तर क्षेत्र के 7 आरआरबी के प्रदर्शन की समीक्षा की गई। बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के प्रत्येक पात्र व्यक्ति को प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत कवर किया जाना चाहिए।
पूर्वोत्तर राज्यों के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की इस समीक्षा बैठक में कारोबार प्रदर्शन, डिजिटल प्रौद्योगिकी सेवाओं को उन्नत करने और संबद्ध कृषि गतिविधियों और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) में व्यापार को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया। इस बैठक में आरआरबी और प्रायोजक बैंकों के चेयरपर्सन, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, नाबार्ड और सिडबी के प्रतिनिधियों के अलावा सभी पूर्वोत्तर राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव, एसबीआई के अध्यक्ष और पीएनबी के प्रबंध निदेशक और 7 राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक के दौरान मौजूद थे।