नई दिल्ली। आज 1 अक्टूबर से कॉल ड्रॉप और अनचाही कॉल (Related call drop and unwanted calls) से जुड़े ट्राई (TRAI) के दो नए नियम (Two new rules) लागू हो गए। दावा किया जा रहा है कि इन नियमों के लागू होने के बाद टेलीकॉम सेवाएं (Telecom services.) पहले से बेहतर हो सकेंगी। इन नए नियमों की वजह से अनचाहे कॉल पर तो रोक लगेगी ही, कॉल ड्रॉप होने की समस्या भी खत्म हो जाएगी।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार नए नियम लागू होने के बाद कस्टमर्स के लिए ये जानना भी आसान हो जाएगा कि किस इलाके में टेलिकॉम कंपनियां कौन-कौन सी सर्विस मुहैया करा रही हैं। अब सभी टेलीकॉम कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर इस बात का स्पष्ट उल्लेख करना होगा कि वे किस इलाके में कौन-कौन सी सर्विस दे रही हैं। अभी तक की व्यवस्था में कस्टमर्स को किसी खास इलाके में नेटवर्क और मौजूद टेलिकॉम सर्विस की उपलब्धता का पता करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
बताया जा रहा है कि नया नियम कल से जियो, वीआई और एयरटेल समेत सभी टेलीकॉम कंपनियां के लिए अनिवार्य हो जाएगा। ऐसा होने पर कस्टमर अपनी जरूरत के हिसाब से पसंदीदा नेटवर्क या कंपनी का चयन कर सकेंगे।
अनचाहे मैसेज को रोकने के लिए भी नए नियमों में प्रावधान किए गए हैं। नए नियमों के मुताबिक सिर्फ वही कंपनियां मैसेज भेज सकेंगी, जो वाइट लिस्ट में शामिल की गई हैं। ऐसा होने पर अनजान कंपनियों द्वारा भेजे जाने वाले अनचाहे मैसेज पर आसानी से रोक लग सकेगी। अभी तक करीब 3,000 कंपनियों को वाइट लिस्ट में शामिल किया गया है।
हालांकि कुछ जानकार नए नियमों के लागू होने के बाद इस बात की भी आशंका जता रहे हैं कि वाइट लिस्ट के नए नियम से ओटीपी सर्विस पर असर पड़ सकता है। अगर कस्टमर के पास ओटीपी भेजने वाली कंपनी वाइट लिस्ट में शामिल नहीं होगी, तो उसका मैसेज फोन पर नहीं आएगा। हालांकि दावा किया जा रहा है कि बैंकिंग समेत ज्यादातर जरूरी सर्विस से जुड़ी कंपनियां को वाइट लिस्ट में शामिल कर लिया गया है। इसके साथ ही कस्टमर अपनी जरूरत के मुताबिक कंपनियों को मैसेज भेजने की अनुमति दे सकता है। इसलिए नए नियमों से ओटीपी की परेशानी नहीं होनी चाहिए।