नई दिल्ली। रेज पावर इंफ्रा (Rays Power Infra) ने एनटीपीसी लिमिटेड (NTPC Limited) से भारत का सबसे बड़ा वैनेडियम रेडॉक्स फ्लो बैटरी टेंडर (India’s largest vanadium redox flow battery tender ) हासिल किया है। कंपनी ने एनटीपीसी का यह टेंडर आरएंडडी डिवीजन एनटीपीसी एनर्जी टेक्नोलॉजी रिसर्च अलायंस (नेत्रा) (R&D Division NTPC Energy Technology Research Alliance (NETRA) के लिए मिला है।
कंपनी ने गुरुवार को जारी एक बयान में बताया कि उसको भारत का सबसे बड़ा वैनेडियम रेडॉक्स फ्लो बैटरी (वीआरएफबी) का टेंडर मिला है, जिसमें 600 किलोवाट अथवा 3000 किलोवाट घंटा की परियोजना हासिल की गई है। कंपनी ने बताया कि यह ऐतिहासिक जीत भारत के अक्षय ऊर्जा भंडारण परिदृश्य में रेज़ की महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाती है, जो लंबी अवधि के लागत प्रभावी ऊर्जा भंडारण समाधानों के लिए नए मानक स्थापित करती है।
रेज पावर इंफ्रा के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) केतन मेहता ने कहा, “यह उपलब्धि हमारी तकनीकी क्षमता और टिकाऊ ऊर्जा भविष्य के लिए हमारे दृष्टिकोण को पुष्ट करती है। जैसे-जैसे हम अत्याधुनिक ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं के साथ अपने पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहे हैं, हम भारत के महत्वाकांक्षी अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों में सार्थक योगदान देने के लिए रोमांचित हैं।”
वहीं, कंपनी के सीबीओ वैभव रूंगटा ने कहा, “एनटीपीसी से वैनेडियम आधारित फ्लो बैटरी परियोजना को पाकर हम बहुत खुश हैं। यह देश में अग्रणी स्थिरता सेवा प्रदाता के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने की दिशा में रेज़ के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि यह भारत में 5 घंटे की पावर स्टोरेज प्रणाली प्रदान करने के लिए वीआरएफबी तकनीक वाली पहली परियोजना है। हम ऐसे अभिनव और कुशल समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो ऊर्जा संक्रमण का समर्थन करने के साथ विश्वसनीयता और स्थिरता सुनिश्चित करते हैं।”
उल्लेखनीय है कि रेज पावर इंफ्रा लिमिटेड एक अग्रणी अक्षय ऊर्जा समाधान प्रदाता कंपनी है, जिसने भारत और दक्षिण पूर्व एशिया में 1.6GWp से अधिक अक्षय ऊर्जा परिसंपत्तियों का संचालन किया है। रेज पावर वर्तमान में भारत में 1GWp की अन्य परियोजनाओं पर काम कर रही है। इसके साथ ही कंपनी 2.5GW से अधिक अक्षय ऊर्जा पार्क विकसित कर रही है। वहीं, एनटीपीसी लिमिटेड देश की सबसे बड़ी बिजली उपयोगिता है, जिसकी कोयला, गैस, हाइड्रो, पवन और सौर परियोजना सहित 76 गीगावाट से अधिक स्थापित क्षमता है।