Sunday, November 24"खबर जो असर करे"

जेके हॉस्पिटल में किया गया था दाए कूल्हे का सफल प्रत्यारोपण

भोपाल। डाक्टरी पेशा दुखी लोगों की जिंदगी में खुशियों का संचार करता है। ऐसा ही काम किया है भोपाल के कोलार रोड़ स्थित जेके हॉस्पिटल के डाक्टरों की टीम ने। बैतूल जिले के पास ग्राम टिगरिया की अंजली यादव अपने घर में भी चल-फिर नहीं पाती थी। कारण यह कि उनका दायां कुल्हा सिकेलसेल बीमारी के चलते 90% गल गया था। आपरेशन के बाद अंजली यादव का पांव एकदम ठीक हो चुका है। कुल्हा गलने के कारण जो पांव दो इंच छोटा हो चुका था, वह भी अब दूसरे पांव के बराबर हो चुका है। चलने-फिरने में अंजली यादव को न तो किसी तरह की लचक महसूस होती है, और न ही किसी तरह की लंगड़ाहट। अब वे बिल्कुल सामान्य जिंदगी जी रही हैं, और बहुत खुश हैं।

अंजली यादव की 2016 में शादी हुई थी। शादी के छह माह बाद ही उन्हें सिकेल सेल नामक बीमारी हो गई। लिहाजा दायें कुल्हे की हड्डी खराब हो गई और उसने काम करना बंद कर दिया। यह हड्डी लगभग 90 फीसदी तक खराब हो चुकी थी। अंजली के पति मुकेश यादव ने इलाज के लिए काफी दिनों तक खूब भाग-दौड़ की। नागपुर महाराष्ट्र के अलावा भोपाल में भी करीब सात हड्डी रोग विशेषज्ञों को दिखाया लेकिन कोई आराम नहीं लगा।

अंजली के पति मुकेश यादव ने बताया कि जब वे हर तरफ से हार गए तब उन्होंने ऑनलाइन सर्च किया कि हड्डी के मामले में कौन सा डाक्टर बेहतर है। वे बताते हैं कि उन्हें गूगल पर कोलार के जेके हास्पिटल में कार्यरत डाक्टर रामके सोनी का पता चला। डाक्टर सोनी की वेबसाइट पर जाकर मुकेश ने तमाम जानकारी जुटाई और बैतूल से जेके हास्पिटल आ पहुंचे।

अंजलि यादव का ऑपरेशन करने वाले जेके सुपर स्पेशालिस्ट के डा. राम के सोनी, ज्वाइंट रिप्लेसमेंट एक्सपर्ट ने कहा, हमने मुकेश को आपरेशन की सबसे महंगी प्रोसेस बताई थी। हम चाहते थे कि मरीज की उम्र बहुत कम है, इसलिए ऐसा इलाज जरुरी है कि उम्र भर के लिए किसी तरह की कोई दिक्कत न हो। आपरेशन के बाद अब अंजली पूरी तरह स्वस्थ और खुश है। उनकी अपाहिज जिंदगी अब पूर्णतः सामान्य हो चुकी है।