मुंबई। महाराष्ट्र के उल्हासनगर में एक नशे में धुत ऑटो रिक्शा ड्राइवर ने ट्रैफिक पुलिसकर्मी पर हमला कर दिया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें ऑटो ड्राइवर को एक लड़की के साथ छेड़छाड़ करते हुए और पुलिसकर्मी के साथ मारपीट करते हुए देखा जा सकता है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच जारी है।
ऑटो खड़ा कर लड़की से की छेड़छाड़
उल्हासनगर के छत्रपति शाहू महाराज ओवरब्रिज पर शुक्रवार को एक नशे में धुत ऑटो रिक्शा ड्राइवर ने सड़क पर ऑटो खड़ा कर दिया और एक लड़की के साथ छेड़छाड़ करने लगा। इस घटना की जानकारी मिलते ही ट्रैफिक पुलिसकर्मी मोहन पाटिल मौके पर पहुंचे। उन्होंने आरोपी को रोकने और उसे सेंट्रल पुलिस स्टेशन ले जाने की कोशिश की।
ऑटो ड्राइवर और पुलिसकर्मी के बीच हुई बहस
जब मोहन पाटिल ने ड्राइवर को पकड़ने का प्रयास किया, तो वह पुलिस हिरासत से भाग निकला और फिर ओवरब्रिज पर आकर अपने ऑटो रिक्शा की मांग करने लगा। इसी दौरान, ऑटो ड्राइवर और पुलिसकर्मी के बीच बहस शुरू हो गई, जो जल्द ही मारपीट में बदल गई। ऑटो ड्राइवर ने ट्रैफिक पुलिसकर्मी मोहन पाटिल को थप्पड़ मार दिया, जिसके बाद दोनों के बीच शारीरिक संघर्ष हुआ। इस संघर्ष में ट्रैफिक पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए।
ईमानदारी से निभा रहा था ड्यूटी
घटना के बाद मोहन पाटिल ने मीडिया से बात की और कहा, “हम छत्रपति शिवाजी महाराज फ्लाईओवर के पास ड्यूटी कर रहे थे, जब हमें सूचना मिली कि कुछ लोग शराब के नशे में लड़की के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं। हमने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने हमारे ऊपर पानी फेंक दिया और हमारे साथ मारपीट की। मुझे गंभीर चोटें आई हैं। हम अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभा रहे थे, लेकिन ऐसे लोगों के हमले का सामना करना पड़ा। आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।”
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया है। यूजर्स ने इस घटना की निंदा की है और ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की बहादुरी की सराहना की है। कई लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं कि नशे में धुत लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं की जाती और पुलिसकर्मियों की सुरक्षा के लिए बेहतर उपाय क्यों नहीं किए जाते।
दोषियों को उचित सजा मिले
पुलिस ने आरोपी ऑटो ड्राइवर को हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। इस मामले की विस्तृत जांच की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दोषियों को उचित सजा मिले। ट्रैफिक पुलिसकर्मी की चोटों का इलाज चल रहा है और उनकी स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है।