– प्रीति बनी एल्ब्रुस पर चढ़ने वाली मप्र की सबसे कम उम्र की लड़की
भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सीहोर जिले (Sehore district) में आष्टा विकासखंड (Ashta development block) के ग्राम मुल्लानी निवासी 12 वर्षीय प्रीति परमार (Preeti Parmar) ने यूरोप के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एल्ब्रुस को फतह कर इतिहास रच दिया है। प्रीति ने यह उपलब्धि हासिल कर राज्य और देश का नाम रोशन किया है। वह एल्ब्रुस पर्वत पर चढ़ने वाली मध्य प्रदेश की सबसे कम उम्र की लड़की बन गई हैं।
जानकारी के अनुसार, प्रीति ने शनिवार की रात एक बजे बेस कैंप से चढ़ाई शुरू की और नौ घंटे के भीतर शिखर तक पहुंच गईं। उन्होंने यह साहसिक कार्य बिना किसी सहायता के पूरा किया। प्रीति के साथ उनके भाई चेतन परमार भी थे, जिन्होंने पहली ही कोशिश में इस पर्वत को फतह किया।
सीहोर कलेक्टर प्रवीण सिंह ने रविवार को प्रीति परमार और चेतन परमार को वीडियो कॉल कर बधाई दी। चेतन ने पहले प्रयास में ही यूरोप के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एल्ब्रुस को फतह कर लिया था। प्रीति और चेतन ने बताया कि उनकी योजना थी कि वे 15 अगस्त को पर्वत के शिखर पर पहुंचे, लेकिन अत्यधिक खराब मौसम के कारण उन्हें इसे स्थगित करना पड़ा। इसके बावजूद प्रीति और चेतन ने अपने दृढ़ संकल्प और साहस के बल पर इस चुनौती को पूरा किया।
कम उम्र में बड़ी चुनौती
एल्ब्रुस पर्वत की ऊंचाई 5,642 मीटर है। उसे फतह करना हर पर्वतारोही का सपना होता है। प्रीति की इस उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे राज्य को गर्व से भर दिया है। इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी चुनौती को स्वीकार कर उसे पूरा करना प्रीति के अद्वितीय साहस, धैर्य और मेहनत का परिणाम है। प्रीति की इस सफलता से न सिर्फ उनकी उम्र के बच्चों बल्कि सभी को प्रेरणा मिली है।
पूर्व विधायक ने यूरोप की माउंट एल्ब्रुस पर दिया ‘एक पेड़-मां के नाम’ का संदेश
इससे एक दिन पहले जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता बढ़ाने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अभियान ‘एक पेड़ मां के नाम’ का पोस्टर संदेश लेकर यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस पर सागर जिले की पूर्व विधायक और पर्वतारोही पारुल साहू पहुंची थीं। यहां उन्होंने पूरी दुनिया को क्लाइमेट चेंज के दुष्परिणामों से बचने का संदेश दिया। प्रधानमंत्री के संदेश का पोस्टर देकर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली से पर्वतारोही दल को रवाना किया था।
सागर जिले की सुरखी विधानसभा की पूर्व विधायक पारुल साहू ने बताया कि आठ अगस्त को एक पेड़ मां के नाम अभियान का पोस्टर लेकर आठ सदस्यीय पर्वतारोही दल रवाना हुआ था। उन्होंने बताया कि पर्वतारोही दल के टीम लीडर पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल रोमिल के साथ 18510 फीट ऊंची एल्ब्रुस चोटी पर 16 अगस्त की रात से चढ़ना शुरू किया था। शनिवार, 17 अगस्त को एल्ब्रुस पर्वत पर संदेश पहुंचाया और देश का नाम रोशन किया।
उन्होंने कहा कि यूरोप की सबसे सर्द और बर्फीली चोटी पर तापमान माइनस 10 डिग्री सेल्सियस रहता है। हवा की रफ्तार 40 किलोमीटर प्रतिघंटा थी। इसमें हम लोगों ने धीरे-धीरे चढ़ना शुरू किया। चारों तरफ बर्फ की चादर ही दिखाई दे रही थी। टीम के सदस्यों की सुरक्षा भी अहम थी। लेकिन अनुभवों के सहारे इस मुकाम को 17 अगस्त को पूरा कर लिया और एक पेड़ मां के नाम का पोस्टर लहराते हुए पूरी दुनिया में संदेश दिया। इसी दौरान दल की एक बहुत ही अनुभवी महिला पर्वता रोही चढ़ते समय फिसल गई। उनको रेस्क्यू कर सुरक्षित हॉस्पिटल पहुंचाया गया।
ऑस्ट्रेलिया के माउंट कोजिअस्को पर ले जाएंगी संदेश
पूर्व विधायक पारुल साहू ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन के संबंध में जो पहल शुरू की है इसको गंभीरता से हरेक व्यक्ति को समझना बहुत जरूरी है। यदि क्लाइमेट चेंज के दुष्प्रभावों को आज से रोकना शुरू नहीं किया तो अगले 40 से 50 सालों में मानव का अस्तित्व ही संकट में आ जाएगा। इसके लिए सरकारें अपना कार्य कर ही रही हैं। उन्होंने बताया कि इसी साल आस्ट्रेलिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट कोज़िअस्को पर्वत पर जाकर एक पेड़ मां के नाम का संदेश दिया जाएगा।