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बिहार : नीतीश कुमार ने 8वीं बार ली मुख्‍यमंत्री पद की शपथ, तेजस्‍वी यादव बने डिप्‍टी सीएम

पटना । बिहार में एक बार फिर महागठबंधन की सरकार बन गई है। नीतीश कुमार ने बुधवार को 8वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के तेजस्वी यादव ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। तेजस्वी ने शपथ के बाद नीतीश कुमार के पैर छुकर आशीर्वाद भी लिया। इससे पहले मंगलवार को नीतीश कुमार ने भाजपा को झटका देते हुए गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया था।

नीतीश कुमार ने कल ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। नीतीश कुमार ने इसके बाद राजद, कांग्रेस और अन्य दलों के समर्थन से सरकार बनाने का दावा राज्यपाल फागू चौहान के सामने पेश किया। नीतीश ने इसके बाद पत्रकारों से कहा कि उनकी पार्टी के सभी सदस्य, विधायक और सांसदों की इच्छा थी कि एनडीए से अलग हो जाया जाए।

बहरहाल, बुधवार को राजभवन में शपथग्रहण समारोह में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव का परिवार भी पहुंचा। इसमें तेजस्वी की पत्नी के अलावा उनकी मां और बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी भी थीं। पत्रकारों के सवाल पर राबड़ी देवी ने जदयू और आरजेडी के साथ मिलकर बन रही महागठबंधन की सरकार को बधाई दी और कहा कि ये बिहार और देश के लिए अच्छा है।

नीतीश कुमार बोले- मंत्रियों का शपथ ग्रहण जल्द होगा
शपथ ग्रहण के बाद नीतीश कुमार ने पत्रकारों से कहा कि जल्द ही मंत्रियों का शपथ ग्रहण कार्यक्रम भी कराया जाएगा। दरअसल, सूत्रों के अनुसार नए मंत्रिमंडल की संरचना के बारे में सैद्धांतिक सहमति बन गई है। इसमें जदयू, राजद और कांग्रेस से करीब 35 सदस्य होने की संभावना है।

जदयू के नेता नीतीश कुमार ने राजनीतिक स्थिति पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी टेलीफोन पर बात की है। मंत्री पदों के बंटवारे के फार्मूले के अनुसार, राजद कोटे से सबसे अधिक मंत्री होंगे क्योंकि सात दलों वाले महागठबंधन में उसके विधायकों की संख्या सबसे अधिक है। लालू प्रसाद के नेतृत्व वाले राजद के पास 79 विधायक हैं।

नये मंत्रिमंडल के गठन के आपसी सहमति के तहत जदयू से 13 और राजद से 16 मंत्री हो सकते हैं। कांग्रेस को चार और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को मंत्रिमंडल में एक स्थान मिलने की संभावना है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस को छोड़कर अन्य सभी गठबंधन सहयोगियों के बीच मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले नामों पर एक व्यापक सहमति बन गई है। कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के नामों पर अंतिम मुहर आलाकमान की सहमति से लगेगी।