– मुख्यमंत्री ने किया एम्स के 20वें आपातकालीन चिकित्सा सम्मेलन, दीक्षान्त एवं पुरस्कार समारोह का शुभारंभ
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने कहा कि आज के दौर में चिकित्सा क्षेत्र (medical field) का अत्यंत महत्व है। इसलिये चिकित्सा क्षेत्र में बेहतर से बेहतर उपचार की व्यवस्थाएं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन बचाने का कार्य चिकित्सक ही करते हैं, यह बड़ा पुण्य का कार्य है। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) को आपातकालीन चिकित्सा (Emergency medical care) के क्षेत्र में नम्बर वन बनाने के प्रयास किये जाएं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार देर शाम भोपाल एम्स के अटल बिहारी वाजपेयी ऑडिटोरियम में तीन दिवसीय 20वां अखिल भारतीय अकादमिक आपताकलीन चिकित्सा सम्मेलन दीक्षान्त एवं पुरस्कार समारोह के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, एम्स के अध्यक्ष डॉ. सुनील मलिक, अन्य पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में चिकित्सक मौजूद थे। एम्स के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह ने स्वागत उद्बोधन दिया। अतिथियों ने स्मारिका एवं स्वास्थ्य सेवाओं संबंधी इमरजेंसी दस्तावेज का विमोचन किया। इसमें बड़ी संख्या में देश-विदेश के प्रतिभागी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वास्थ्य क्षेत्र का कायाकल्प कर दिया है। भारत में कोरोना का नि:शुल्क टीका लगाकर एक-एक व्यक्ति की जान बचाने का अभूतपूर्व कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय सम्मेलन में विचारों के मंथन से इमरजेंसी मेडिसिन की दिशा में बेहतर कार्य होगा।
राज्य मंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन एम्स, भोपाल में हो रहा है। एम्स से मेरी विशेष स्मृतियॉ जुड़ी हुई हैं। एम्स को स्थापित करने में बाबूजी स्व. बाबूलाल गौर का विजन महत्वपूर्ण रहा है। एम्स भोपाल स्वास्थ्य के क्षेत्र में मील का पत्थर बन गया है। इस सम्मेलन से नवीनतम ज्ञान और कौशल विकास का अवसर मिलेगा। मध्यप्रदेश स्वस्थ राज्य बनने की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रयास से प्रदेश के स्वास्थ्य सेवाओं के बजट में 34 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं का तेजी से विकास हो रहा है।
अमेरिका से आए डॉ. सागर सी. गलवनकर ने कहा कि जीवन का कोई भरोसा नहीं है। जीवन की रक्षा एक आपातकालीन चिकित्सक ही कर सकता है। डॉ. सुनील मलिक ने कहा कि किसी भी चिकित्सा संस्थान का फेस इमरजेंसी मेडिसिन होता है। देश, समाज और मानवता के लिए अच्छे चिकित्सक तैयार करना वर्तमान की आवश्यकता है।