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खंडेलवाल ने फिक्की कैस्केड ऑटो रैली को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

नई दिल्ली (New Delhi)। सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने शनिवार को फिक्की कैस्केड ऑटो रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। खंडेलवाल ने लोगों से तस्‍करी के खिलाफ मुहिम में शामिल होने की अपील भी की। उन्‍होंने कहा कि नकली और तस्करी के बारे में जागरूकता फैलाना जरूरी है। इस अवसर पर फिक्की कैस्केड के चेयरमैन अनिल राजपूत भी मौजूद रहे।

प्रवीण खंडेलवाल ने यहां भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के कैस्केड ऑटो रैली को रवाना करने के अवसर पर कहा कि तस्करी का हमारी अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उन्‍होंने बताया कि कई अवैध खिलाड़ी उन स्रोतों से मिलने वाले धन का उपयोग आतंकवाद के वित्त पोषण को बढ़ाने के लिए करते हैं। खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी आतंकी गतिविधियों की नींव उखाड़ दी है। लेकिन, आतंकवादी नेटवर्क अभी भी इन तस्करी नेटवर्क के जरिए धन जुटाकर सक्रिय रहने की कोशिश करते हैं। इसलिए इसके बारे में जागरूकता फैलाना महत्वपूर्ण है, हमें यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि तस्करी और नकली सामान हमारे बाजारों में प्रवेश न करें।

इस मौके पर फिक्की कैस्केड के चेयरमैन अनिल राजपूत ने कहा कि जब हम सभी सामान वैध तरीके से खरीदेंगे और उन पर निर्धारित करों का भुगतान करेंगे, तो हमारा देश तेजी से प्रगति करेगा। इसके बिना, सरकार को अपने नागरिकों को आवश्यक सेवाएं प्रदान करना मुश्किल हो जाएगा। तस्करी की गतिविधियों से न केवल नौकरी छूटने और राजस्व रिसाव के रूप में अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ता है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और संरक्षा पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। ऑटो रैली तानसेन मार्ग, मंडी हाउस, बाराखंभा रोड, आउटर सर्किल कनॉट प्लेस और बाराखंभा रोड से होते हुए फिक्की हाउस में समाप्त हुई। दरअसल पिछले पिछले दशक में एफएमसीजी पैकेज्ड फूड सेगमेंट में अवैध व्यापार बाजार का आकार लगभग 600 फीसदी बढ़ा है, इसके बाद शराब, एफएमसीजी, व्यक्तिगत सामान और तंबाकू का स्थान है, जो क्रमशः 317 फीदसी, 270 फीसदी और 155 फीसदी है।

उल्लेखनीय है कि भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) ने 18 जनवरी, 2011 को नई दिल्ली स्थित फिक्की फेडरेशन हाउस में ‘अर्थव्यवस्था को नष्ट करने वाली तस्करी और जालसाजी गतिविधियों के विरुद्ध समिति’ (कैस्केड) की स्थापना की थी। इस समिति का मकसद पूरे भारत में तस्करी, प्रतिबंधित और नकली उत्पादों के इस्तेमाल के असर को लेकर लोगों को जागरूक करना है।