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भारत में चीनी निवेश को समर्थन देने पर पुनर्विचार नहीं

नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय वाणिज्‍य और उद्योग मंत्री (Union Commerce and Industry Minister) पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने मंगलवार को कहा कि भारत (India) चीन (China) से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) (Foreign Direct Investment (FDI) को समर्थन देने पर पुनर्विचार नहीं कर रहा है, जैसा कि हाल में आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया था। उन्‍होंने कहा कि यह एक ऐसी रिपोर्ट है, जो हमेशा नए विचारों के बारे में बोलती है और अपनी सोच बताती है।

वाणिज्‍य मंत्री गाेयल ने वाणिज्‍य भवन में मीडिया को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्‍होंने कहा कि देश में चीनी निवेश का समर्थन करने के लिए फिलहाल कोई पुनर्विचार नहीं किया जा रहा है। उन्‍होंने बताया कि देश में चीनी निवेश का समर्थन करने के बारे में कोई सोच नहीं है। उन्होंने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण सरकार के लिए बिल्कुल भी बाध्यकारी नहीं है।

गोयल ने संवाददाताओं से कहा कि देश में चीनी निवेश को समर्थन देने पर फिलहाल कोई पुनर्विचार नहीं किया जा रहा है। दरअसल चीन के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बीच संसद में 22 जुलाई को वित्‍त वर्ष 2023-24 के लिए पेश आर्थिक समीक्षा में स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने और निर्यात बाजार का दोहन करने के लिए पड़ोसी देश चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) बढ़ाने की वकालत की गई थी। गोयल ने इसी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए यह बात कही है।

उल्‍लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 2020 में भारत के साथ सीमा साझा करने वाले देशों से एफडीआई के लिए उसकी मंजूरी अनिवार्य कर दी थी। भारत के साथ स्थलीय सीमा लगने वाले देशों में चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, म्यांमार और अफगानिस्तान प्रमुख हैं।