Friday, November 22"खबर जो असर करे"

दिल्ली जा रहे कर्नाटक के किसानों को नर्मदापुरम में पुलिस ने ट्रेन से उतारा

– नर्मदापुरम में एक घंटे से ज्यादा समय तक खड़ी रही जीटी एक्सप्रेस, पुलिस ने की सर्चिंग

भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन (Narmadapuram Railway Station.) पर रविवार को दोपहर में पुलिस ने जीटी एक्सप्रेस (GT Express) से दिल्ली जा रहे तमिलनाडु के किसानों (Farmers of Tamil Nadu.) को ट्रेन से उतार लिया। किसानों ने इसका विरोध करते हुए स्टेशन पर हंगामा किया। इसके चलते ट्रेन एक घंटे से ज्यादा समय तक स्टेशन पर ही खड़ी रही। इसके बाद पुलिस ने किसानों को हिरासत में ले लिया है। तीन बसों से 65 से ज्यादा किसानों को रेलवे स्टेशन से कहीं ले जाया गया है।

सिटी मैजिस्ट्रेट असमराम चिरामन ने बताया कि ऐसी सूचना थी कि जीटी एक्सप्रेस ट्रेन में किसान संगठन के कुछ पदाधिकारी छिपे हुए हैं। उनको ट्रेन से उतारकर श्रीकुंज गार्डन में ठहराना का मैसेज मिला था। इसीलिए पुलिस ने ट्रेन को रोकर सर्च किया गया। बाकी जानकारी नहीं है।

इधर, जानकारी मिली है कि नेशनल साउथ इंडियन रिवर इंटरलिंकिंग एसोसिएशन तमिलनाडु के अध्यक्ष अय्याकन्नू अपने 114 कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ दिल्ली जा रहे थे। दल में 15 महिलाएं भी हैं। तमिलनाडु को कावेरी नदी का पानी दिए जाने की मांग को लेकर किसान नेता दिल्ली में आंदोलन कर सकते हैं, ऐसा इनपुट मिलने पर दिल्ली पुलिस चेन्नई से इनका पीछा कर रही थी। किसान नेता और कार्यकर्ता 27 जुलाई को 12615 जीटी एक्सप्रेस से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे।

रविवार को दोपहर में नर्मदापुरम में दिल्ली से मिले इनपुट के आधार पर सभी को ट्रेन से उतारा गया। पुलिस ने पूरी ट्रेन को सर्च किया। इस दौरान करीब 70 मिनट ट्रेन नर्मदापुरम स्टेशन पर ही खड़ी रही। ट्रेन से उतारने को लेकर किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया। अध्यक्ष अय्याकन्नू ने कहा कि पुलिस लॉ एंड ऑर्डर का हवाला दे रही है, लेकिन पुलिस यह तो बताए कि हमारे लोगों ने किया क्या है? पुलिस हिरासत में लेना चाहती है, जबकि एसोसिएशन के सदस्य थाने जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराना चाहते हैं।

गौरतलब है कि कावेरी नदी के पानी को लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक राज्य के बीच तनातनी है। कावेरी का कम पानी छोड़े जाने पर 16 जुलाई को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर कर्नाटक सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया था।