-ससुराल पक्ष पर शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का आरोप
भोपाल (Bhopal)। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के छिंदवाड़ा जिले (Chhindwara district) में भाजपा की सदस्यता (BJP membership) लेना और पार्टी के पक्ष में प्रचार करना एक मुस्लिम महिला (Muslim woman) के ससुराल वालों को इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने न सिर्फ उसके साथ मारपीट की, बल्कि उसे घर से भी निकाल दिया। इतना ही नहीं, पति ने तीन बार तलाक बोलकर उसे तलाक (Divorce him by saying talaq thrice) दे दिया। पीड़ित महिला ने शहर कोतवाली थाने में पति और ससुराल पक्ष के खिलाफ शिकायत की है। महिला ने ससुराल पक्ष पर पांच लाख रुपये दहेज में मांगने का भी आरोप लगाया है। पुलिस ने महिला की शिकायत पर पति समेत सास और ननद पर मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले में छानबीन के बाद आरोपितों को हिरासत में लिया। फिलहाल पूछताछ चल रही है।
कोतवाली थाना प्रभारी उमेश गोल्हानी ने सोमवार को बताया कि पीड़िता रायल चौक निवासी इशरत शेख ने शिकायत की है कि उसकी शादी अब्दुल आशिफ मंसूरी से हुई थी। शादी के बाद से पति, सास व चार ननद मायके से दहेज में पांच लाख रुपये लाने का दबाव बनाकर शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना देने लगे थे। उसे घर से निकाल दिया गया था। वह बेटे के साथ किराए के मकान में रह रही है। इस दौरान पति अब्दुल आशिफ मंसूरी ने उसके साथ मारपीट कर तीन तलाक बोलकर रिश्ता तोड़ दिया। पीड़ित महिला की शिकायत पर पुलिस ने उसके पति अब्दुल आशिफ मंसूरी समेत उसके परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ धारा-498ए, 294, 34, दहेज अधिनियम की धारा 3/4 और मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकार का संरक्षण) अधिनियम की धारा 2019 की धारा-4 के तहत मामला दर्ज किया है।
पीड़िता इशरत शेख ने अपनी शिकायत में बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से प्रभावित होकर उसने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के लिए प्राचर किया और उसी को अपना वोट दिया था। यह बात मेरे पति, सास और ननद को पता लगने पर वह मेरे घर आए और मारपीट करने के बाद पति ने तीन तलाक कहकर उसने रिश्ता तोड़ लिया। इशरत का कहना है कि उसके पति ने फरवरी-मार्च के समय कोर्ट का नोटिस भेजा था, लेकिन उसने नहीं लिया। इसके बाद वकील के जरिए मैंने जवाब दिया था।
इशरत शेख ने पुलिस से शिकायत दर्ज करवाते हुए बताया कि उसकी शादी अब्दुल आसिफ मंसूरी से 2015 हुई थी। निकाह के कुछ महीने बाद उसे पता चला कि आसिफ का पहले भी निकाह हो चुका था और उसका एक बेटा भी है। महिला ने बताया कि इस दौरान मैं प्रेग्नेंट थी, इसलिए मैं सब कुछ भूल गई। इस दौरान इशरत से निकाह होने के बाद मेरा एक बेटा भी हुआ। शादी के बाद से पति, सास और चार ननद मायके से दहेज में पांच लाख रुपये लाने का दबाव बना रही थीं। नहीं लाने पर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे। महिला ने बताया कि उसे घर से भी निकाल दिया गया था। इसलिए वह बेटे के साथ किराए के मकान में रह रही है। इस दौरान पति अब्दुल आसिफ मंसूरी उसके किराए के मकान पर पहुंचा और उसके साथ मारपीट कर तीन तलाक बोलकर रिश्ता तोड़ दिया है।
इशरत शेख ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि हमेशा कांग्रेस को वोट देती थी, लेकिन इस बार भाजपा को वोट किया तो पति, सास और ननद नाराज हो गए और कहने लगे कि तुम्हें भाजपा को वोट नहीं देना था। भाजपा को वोट देना इस्लाम के खिलाफ है। मुस्लिम हमेशा कांग्रेस को वोट देते हैं। मैंने हमेशा कांग्रेस को वोट दिया, इस बार भाजपा को दिया। महिला ने कहा कि मैंने भाजपा भी ज्वाइन कर ली। इसी कारण उन्होंने मेरे साथ मारपीट कर तलाक दे दिया।