Friday, November 22"खबर जो असर करे"

प्रधानमंत्री मोदी ने यह सिद्ध किया है कि राजनीति भी एक साधना है

– प्रभात झा

भारतीय राजनीति में आजादी के बाद सर्वाधिक समय प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू रहे। वे लगभग साढ़े सत्तरह साल तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। उसके बाद श्रीमती इंदिरा गांधी जो नेहरू की बेटी रहीं, वे भी पंद्रह साल और तीन सौ पचास दिन प्रधानमंत्री रहीं। भारतीय जनसंघ की स्थापना से भाजपा के अब तक के इतिहास में प्रधानमंत्री के पद पर पहले तेरह दिन, दूसरी बार तेरह महीने और तीसरी बार साढ़े चार वर्ष के करीब स्व. अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री रहे।

अपने जीवन में जब वे कानपुर में स्नातकोत्तर और लॉ की पढ़ाई करने गए, तो उसके बाद वे संडीला जो उत्तरप्रदेश में एक स्थान है, वहां कुछ समय के लिए प्रचारक के रूप में रहे। यह कहने में कोई संकोच नहीं कि अटल जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक एवं कुछ समय प्रचारक रहे, ऐसे राजनेता भारत के प्रधानमंत्री बने। उनके कार्यकाल में बात इतनी सी रही कि वे पूर्ण बहुमत वाली भाजपा के प्रधानमंत्री नहीं रहे। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भारतीय राजनीति में पच्चीस वर्ष बाद ऐसे प्रधानमंत्री बने जो अपनी पार्टी भाजपा के पूर्ण बहुमत के आधार पर पहले प्रधानमंत्री बने। साथ ही, उन्हे एनडीए का समर्थन था।

4 जून 2024 को आम चुनाव 2024 का परिणाम आएगा। 18वीं लोकसभा का गठन होगा। अब तक आए सभी चैनलों के चुनाव पूर्व अनुमान यह साफ संकेत दे रहे हैं कि भाजपा पूर्ण बहुमत से पुनः तीसरी बार सरकार बना रही है और श्री नरेन्द्र भाई मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री की शपथ लेंगे। अगर गणित लगायेंगे तो वे जनसंघ से भाजपा में रहे प्रधानमंत्री अटल जी के कार्यकाल से तो काफी आगे सन 2014 और 2019 के साथ-साथ अब सन 2024 में भी रहेंगे।

अटल जी और नरेंद्र भाई मोदी में जो समानता है कि अटल जी भी संघ के स्वयं सेवक और कुछ समय तक प्रचारक रहे। वहीं नरेंद्र भाई मोदी तो वर्षों तक संघ के प्रचारक रहे और प्रचारक के नाते भाजपा के संगठन महामंत्री भी रहे। नरेंद्र भाई मोदी के मुख्यमंत्री काल को जोड़ लिया जाए तो भारतीय राजनीति में तेरह वर्ष मुख्यमंत्री और दस वर्ष तक प्रधानमंत्री रहने वाले भारत के पहले राजनीतिज्ञ श्री नरेंद्र भाई मोदी ही हैं।

साथ ही जैसा कि गृहमंत्री श्री अमित शाह, रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जी कह रहे हैं, कि सन 2029 में भी नरेंद्र भाई मोदी ही प्रधानमंत्री रहेंगे, तो यहां यह कहने में कोई संकोच नहीं कि वे भारतीय राजनीति के पहले ऐसे प्रधानमंत्री बन जायेंगे, जो भारत में प्रधानमंत्री पद पर रहने के सारे रिकार्ड तोड़ देंगे। जैसे क्रिकेट की दुनिया में सचिन तेंदुलकर ने इतना बड़ा रिकार्ड बना दिया कि अभी तक विश्व में उसे कोई तोड़ नहीं पाया। ऐसे ही विश्व के लोकतांत्रिक देश के इतिहास में 4 जून 2024 को तो इतिहास रच ही जाएगा। साथ ही सन 2029 में भाजपा और विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय ही नहीं मान्यता और स्वीकार्यता प्राप्त व्यक्तित्व नरेंद्र भाई मोदी हो जाएंगे।

लगातार तीसरी बार बहुमत से अधिक संख्या और हर बार संख्या में बढ़ोत्तरी कर न केवल भाजपा की साख बढ़ी है, बल्कि श्री नरेंद्र भाई मोदी ने यह सिद्ध किया है कि राजनीति भी एक साधना है, तपस्या है और यदि उन्होंने तपस्वी बनकर प्रधानसेवक की भूमिका निभाते हुए कहा कि “मेरे लिए सिर्फ GYAN (ज्ञान) अर्थात ‘जी’ से गरीब ‘वाई’ से यूथ ‘ए’ से अन्नदाता और ‘एन’ से नारी शक्ति ही सब कुछ है। न मैं जाति में विश्वास करता हूं और इन चारों के विकास के लिए और विश्व में भारत को विकसित भारत बनाने के लिए अपना जीवन का एक-एक पल लगा रहा हूं”।

सच भी है कि अगर वे चुनाव के समय ध्यान में भी गए तो भारत ‘ज्ञान’ के विकास को और मजबूती के साथ ही भारत विश्व में नम्बर एक कैसे बने, इसलिए गए थे। उनकी कल्पना और दूरदृष्टि का भारत ही नहीं, विश्व भी कायल है। यही कारण है कि नरेंद्र भाई मोदी विरोधियों की चिंता किए बगैर भारत माता को वैभव पर पहुंचाने में रात-दिन लगे रहते हैं।

(भाजपा पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद)