– योगेश कुमार सोनी
हाल ही में देश में स्वाति मालीवाल के मामले ने तूल पकड़ा हुआ है। एफआईआर होने के बाद पुलिस भी एक्शन में हैं। इस मामले में देशभर में राजनीति हो रही है। हर कोई अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में लगा हुआ है लेकिन इस पूरे प्रकरण में केजरीवाल की नीति और नियत का खुलासा हो गया। आज स्वाति मालीवाल जिस स्तर पर है उनसे आम आदमी पार्टी क्या, कोई भी इस तरह की बदतमीजी नहीं कर सकता। पूर्व में महिला आयोग की अध्यक्ष व हाल ही में राज्यसभा सदस्य और एक निचले क्रम का कर्मचारी जो मात्र केजरीवाल का पीए है वो यदि ऐसा कर रहा है तो दाल में कुछ काला जरूर है।
ऊपरी तौर पर मामला जितना साधारण लग रहा है उतना है नहीं । क्या स्वाति के साथ बदतमीजी हुई है या करवाई गई है। यह सवाल सबसे अहम है। चूंकि स्वाति केजरीवाल के साथ एनजीओ के दौर से जुड़ी हुई हैं और पार्टी के फाउंडर मेंबर के तौर पर जानी जाती हैं। इससे यह तो तय हो जाता है कि पार्टी में उनका कद निश्चित तौर पर बहुत बड़ा है और यदि बावजूद ऐसा हो रहा है तो आंतरिक तौर पर खेल बहुत बड़ा है। मगर केजरीवाल ने अभी तक अपने पीए बिभव कुमार पर कोई भी कार्रवाई नहीं की। होना यह चाहिए था कि केजरीवाल बिभव को फिलहाल अपने साथ न रखते और जब मामला पूर्ण रूप से स्पष्ट हो जातो तो उस स्थिति के हिसाब से निर्णय लेते।
केजरीवाल के मुख्य सिपहसलारों में से एक स्वाति के साथ ऐसी घटना घटी है और वह बिल्कुल मौन हैं। किसी प्रकार कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इसके अलावा केजरीवाल की पत्नी जिनकी सक्रियता इस बार राजनीति में बहुत बढ़ी है और वह स्वयं भी एक महिला हैं और इस मामले पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया न देना बहुत कुछ बताने के लिए काफी है। केजरीवाल तो जरा से घटनाक्रम पर ही पोस्टर लगवा देते हैं और भारतीय राजनीति में उनसे ज्यादा हल्ला मचाने वाला नेता आज तक पैदा नहीं हुआ। बावजूद इसके जो मामला उनके घर में हुआ है वो भी इतना बड़ा है, बावजूद इसके कुछ नहीं बोला जा रहा। वो चुप हैं लेकिन जनता भलीभांति सब समझ रही है।
सांसद या महिला विशेष को छोड़िये,एक दोस्त का दूसरे दोस्त के यहां इस तरह का बर्ताव हुआ है, वरना एक पीए क्या केजरीवाल के इतने करीबी से कुछ बोल भी जाए ऐसा संभव नही हैं। सवाल कई हैं लेकिन यदि इसके पीछे कोई साजिश हुई तो केजरीवाल के बाकी साथियों को भी सतर्क रहने की जरूरत है, चूंकि वह कब किसको ठिकाने लगा दें कुछ नहीं पता। इतिहास में उनके इस तरह के कई उदाहरण हैं। आम आदमी पार्टी की शीर्ष नेता आतिशी ने कहा कि मालीवाल को भाजपा ने इस साजिश का चेहरा बनाया है। यह भी कहा कि यह भाजपा का एक पैटर्न है। पहले वे मामले दर्ज कराते हैं और फिर नेताओं को जेल भेजने की धमकी देते हैं। स्वाति मालीवाल भ्रष्टाचार निरोधक शाखा द्वारा दर्ज अवैध भर्ती मामले में आरोपों का सामना कर रही हैं। मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और इस स्थिति में उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।
आतिशी ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने मालीवाल को ब्लैकमेल किया और उन्हें इस साजिश का चेहरा बनाया। आतिशी ने दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। लेकिन आतिशी को यह पता होना चाहिए कि स्वाति की मेडिकल रिपोर्ट में उनकी आंख, चेहरे और पैर में चोट की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट में साफ है कि उनके बाएं पैर में चोट आई है। दाहिनी आंख के नीचे भी चोट के निशान मिले हैं। मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक मालीवाल के शरीर में कुल चार जगह चोट के निशान मिले हैं।
किसी भी घटना को कोई तो सिर-पैर होता है। यहां तो पूरा धड़ सामने आ रहा है। जो भी हो यदि इसमें केजरीवाल की कोई साजिश हुई तो यह आम आदमी पार्टी को बहुत भारी पड़ सकता है। इस घटना के बाद स्वाति पार्टी का हिस्सा रहेंगी या नहीं यह तो आने वाला समय बताएगा लेकिन यदि वह नहीं रहीं और बागी हो गईं तो वह पार्टी का सारा खेल बदल सकती हैं। चूंकि वह सब कुछ जानती है और अपना सगा जब बागी होता है तो वह दुश्मन से ज्यादा नुकसान करता है। बार-बार नए वीडियो आने से कहानी बार-बार बदलती नजर आ रही है लेकिन पुलिस की सक्रियता के बाद जल्द ही बहुत कुछ स्पष्ट हो जाएगा। लोकसभा चुनाव के बीच हुई इस घटना ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है और इससे आम आदमी पार्टी को बहुत नुकसान हो सकता है। बहरहाल, नुकसान छोटा होगा या बड़ा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन जो घटना घटी है उससे एक बार फिर महिला सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं।
(लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)