Friday, November 22"खबर जो असर करे"

चंबल में पाए जाते हैं दुनिया के 80 फीसदी इंडियन स्कीमर, प्रजनन के लिए अनुकूल है मौसम

चंबल के घाटों को विलुप्त होते इंडियन स्कीमर ने बनाया ठिकाना
मई- जून महीनें में देखा जाता है सबसे ज्यादा जमावड़ा, 20-20 के झुंड में करते हैं अठखेलियां
मुरैना। चंबल के विभिन्न घाटों पर इन दिनों विुलप्त होते  इंडियन स्कीमर्स की चहल पहल दिखाई दे रही है।  शिकार पर बाज की तरह टूटना, जलधार में कलाबाजी इस पक्षी की पहचान है।  गर्मी के तेवर तीखे होते ही इस पंक्षी ने चंबल की वादियो को अपना ठिकाना बनाना शुरू कर दिया है। पिछले 10 साल के भीतर ही चंबल का साफ पानी को ऐसा भाया कि इस पक्षी ने चंबल को  प्राकृतिक रहवास बना लिया है।  ये सुंदर पक्षी वर्ष के करीब नौ महीने तक चंबल नदी के रेतीले टापुओं पर कलरव करते और पानी की सतह पर आसानी से देखे जा सकते हैं। जुलाई-अगस्त महीने में यहां से उडकऱ ये गुजरात व आंध्र प्रदेश से लेकर पड़ोसी देश बांग्लादेश तक चले जाते हैं। इंडियन स्कीमर को दुर्लभ मानते हुए विलुप्त पङ्क्षरंदों की श्रेणी में रखा गया है। दुनिया भर में इनकी संख्या 15 हजार से भी कम हैं। वर्तमान में 600 से लेकर 700 तक इंडियन स्कीमर चंबल  मेंं देखे जा रहे हैं।सेंचुरी विभाग ने इनको जीवन देने के लिए विशेष व्यवस्थाएं की है। इंडियन स्कीमर की यह विशेषता है कि ये पक्षी शुद्ध जल के उथले पानी में अपने घोंसले बनाते है और तीन से चार सेमी तक ही पानी में उतरते हैं। शिकार करने के लिए 10 मीटर तक ऊंचाई में पानी के ऊपर उड़ान भरते हैं। अंबाह से भिण्ड की 70 किमी की सीमा में अटेर, चौम्हों, खिपौना, बरही, कछपुरा, संाकरी, चिलौंगा आदि घाटों पर इंडियन स्कीमर सबसे अधिक  संख्या में पाए जाते हंै। इंडियन स्कीमर फरवरी से जून तक ब्रीडिंग करते  हैं। 30-40 दिनो के बीच अंडो से बच्चे निकल आते हैं और  बच्चे एक से डेढ़ माह के बीच माता-पिता के  साथ  उड़ान भरने में सक्षम हो जाते हैं। सर्दी के मौसम में इन पक्षियों में से कुछ दूसरे सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर जाते हैं। आईयूसीएन ने इंडियन स्कीमर  को रखा  विलुप्त श्रेणी में
इंडियन स्कीमर की घटती संख्या को देखते हुए इंटरनेशनल यूनियन फोर कंजर्वेेशन नेचर  ने इंडियन स्कीमर को विलुप्त प्रजाति  की श्रेणी में रखा है। अनुमान के अनुसार दुनिया में 10 हजार के आसपास इंडियन स्कीमर हैं इनमें से 80 फीसदी चंबल  के घाटों पर है। आईयूसीएन  ने इन्हें संरक्षण प्रदान करने पर जोर दिया है। सेंचुरी के अधिकारियों के अुनसार चंबल में विभिन्न 198 प्रजातियों के पक्षियों का बसेरा है। इनमें  से एक इंडियन स्कीमर भी है। ये पक्षी गर्मी के दिनों में ही अपने घरोंदे बनाता है। जुलाई के बाद ये पक्षी गुजरात की ओर उड़ान भरता है और बांग्ला देश तक पहुंच जाता है।