नई दिल्ली । चीन और ताइवान (China and Taiwan) के बीच की तनातनी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. ताइवान को चीन हर तरफ से घेर चुका है और उसके निशाने पर छह अहम पोर्ट (बंदरगाह) हैं. LIVE फायर ड्रिल के नाम पर जिस तरह चीन ताइवान को धमकाने और डराने की कोशिशों में लगा है, वह साफ देखा जा सकता है. लेकिन ताइवान झुकता नहीं दिख रहा है. दूसरी तरफ अमेरिका (America) की भी हर घटनाक्रम पर नजर है.
यूएस स्पीकर नेंसी पेलोसी के ताइवान जाने से भड़के चीन ने शुक्रवार को भी युद्ध अभ्यास किया. इसमें 68 एयरक्राफट, 13 जहाज ताइवान के पास समुद्र में उड़ाए गए. ताइवान ने आरोप लगाया कि चीन ने जलसंधि का उल्लंघन करते हुए चीन-ताइवान के बीच की जो रेखा है उसको पार किया है. ताइवान का आरोप है कि ऐसा करके चीन यथास्थिति को बदलने की कोशिश में लगा है.
बंदरगाह निशाने पर, 20 किलोमीटर दूर चीन की मिलिट्री
चीन ताइवान को छह तरफ से घेरकर युद्धाभ्यास कर रहा है. ऐसा करके वह उसके अहम बंदरगाहों का रास्ता रोकना चाहता है. इसमें Kaohsiung, Taichung, Taipei, Keelung, Suao and Hualien पोर्ट चीन के निशाने पर है. जिस जोन में चीन फायर ड्रिल कर रहा है वह ताइवान की तटरेखा से सिर्फ 20 किलोमीटर दूर है. चीनी मिलिट्री के हेलिकॉप्टर Pingtan island के पास उड़ते भी देख गए. यह Fujian प्रांत में मौजूद चीन का बिल्कुल अंतिम छोर है.
ताइवान के समुद्री रास्तों को ब्लॉक करने के लिए चीन J-20 फाइटर जेट्स, H-6K बॉम्बर्स, J-11 फाइटर जेट्स इस्तेमाल कर रहा है. चीन की इस ड्रिल में Type 052D destroyer, Type 056A corvette जहाज और DF-11 कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल है. चीनी मीडिया के मुताबिक, DF-17 हाइपरसॉनिक मिसाइलों का भी इस्तेमाल किया गया है. ड्रिल के दौरान इनमें से कुछ मिसाइलें जापान में भी जाकर गिरी गई थीं.
चीन ने समुद्र में अपने दो युद्धपोत (Liaoning और Shandong) भी तैनात किए हैं. फिलहाल यह साफ नहीं है कि ये युद्धपोत ड्रिल में शामिल हैं या नहीं. लेकिन यह साफ है कि इतनी तैनाती से ताइवान के बंदरगाहों को दूसरे देशों से काटने की तैयारी है.
ये पोर्ट ताइवान के व्यापार के लिए बहुत जरूरी हैं. इसमें Taipei पोर्ट सबसे बड़ा है, करीब 3 हजार जहाजों का वहां पूरे साल आना-जाना लगा रहता है. दूसरे पोर्ट्स भी कृषि, रसायन, चीनी, एल्युमीनियम, उर्वरक, तेल, चावल, अन्य महत्वपूर्ण वस्तुओं व्यापार के लिए जरूरी हैं.
यूएस भी रख रहा नजर
चीन की हरकतों पर अमेरिका की पैनी नजर है. आइलैंड के पूर्व में यूएस के चार युद्धपोत मौजूद हैं. इसमें एक परमाणु संचालित विमान वाहक भी शामिल है. तैयारी के मामले में ताइवान भी पीछे नहीं है. चीन अगर एयर स्ट्राइक करता है तो उससे निपटने की तैयारी ताइवान ने भी शुरू कर दी है. सैन्य ताकत के मामले में भले ताइवान चीन के आगे कहीं ना टिके, लेकिन उसे फिलहाल यूएस से मदद की उम्मीद होगी.
चीन ने यूएस को चेताया
मिलिट्री ड्रिल के बीच चीन ने यूएस को चेताया है. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका को इस मामले को बढ़ाने से बचना चाहिए. यह भी कहा गया कि अगर यूएस स्पीकर नैंसी पेलोसी दोबारा ताइवान गईं तो ऐसा हो सकता है. कहा गया कि अमेरिका को दोबारा ऐसी गलती करने का अधिकार नहीं है.