– दरगाह परिसर के लेखों की जानकारी पेपर रोल पर की गई दर्ज
भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh High Court) की इंदौर खंडपीठ (Indore Bench ) के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला (historical Bhojshala of Dhar) में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग (Archaeological Survey of India (ASI) Department ) का सर्वे (Survey) रविवार को 38वें दिन भी जारी रहा। एएसआई के 20 अधिकारियों की टीम 37 श्रमिकों के साथ सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब नौ घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।
भोजशाला में एएसआई सर्वे के 38वें दिन भीतरी भाग में खुदाई की गई। चिह्नित आठ में से चार स्थानों पर खुदाई हो रही है। यहां दीवारनुमा आकृति अब स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। पहले यहां तीन दीवारें दिखी थीं। अब इसमें चौथी दीवार भी दिखने लगी है। इस दीवार की लंबाई भी ज्यादा है। इसके अलावा रविवार को उत्तर व दक्षिण की ओर भी कार्य किया गया। यहां से मिट्टी हटाई गई। वहीं, कमाल मौलाना की दरगाह में केमिकल टीम के विशेषज्ञों ने कार्य किया। दरगाह परिसर के लेखों आदि की जानकारी पेपर रोल पर दर्ज की गई। इसके साथ भोजशाला की वीडियो व फोटोग्राफी भी फिर से हुई है।
सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे हिन्दू पक्षकार आशीष गोयल ने बताया कि हमारी मांग पर हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि भोजशाला के 50 मीटर के दायरे में वैज्ञानिक पद्धति से सर्वे किया जाए। इसमें अभी तक जीपीआर व जीपीएस तकनीकों का इस्तेमाल नहीं किया गया है। आगामी दिनों में इसका उपयोग होगा। भोजशाला सनातनी धर्म की धरोहर है। यह सच सर्वे में सामने आ जाएगा।
वहीं, मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद ने बताया कि कमाल मौला दरगाह परिसर में सर्वे टीम द्वारा केमिकल का आज भी कार्य किया गया। इसके अतिरिक्त मॉन्यूमेंट के गर्भगृह वह उत्तर दक्षिण में भी कार्य हुआ। सर्वे टीम द्वारा आज कई कार्य पूर्ण कर लिया गया है। भोजशाला के अंदर दीवार की जो लेयर निकली है, उसमें आज दिनभर एएसआई के अधिकारियों ने खुरपी से खुदाई, सफाई व ब्रशिंग की। इसके अलावा मजदूरों से वहां खुदाई भी कराई गई, ताकि दीवार की मोटाई लंबाई व गहराई का पता चल सके। सोमवार को उच्च न्यायालय में इसको लेकर सुनवाई है और उस पर सभी की नजर बनी हुई है।
दरअसल, धार भोजशाला में कोर्ट के आदेश के पर 22 मार्च को सर्वे शुरू हुआ था। कोर्ट के आदेश के तहत छह सप्ताह यानी 42 दिन के सर्वे में से अब तक 38 दिन का सर्वे रविवार को पूरा हो चुका है। अब केवल चार दिन बचे हैं, जबकि सर्वे अभी व्यापक स्तर पर होना है। सर्वे के लिए एएसआई को अतिरिक्त समय मिलेगा या नहीं, इसको लेकर सोमवार, 29 अप्रैल को मप्र हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ पर सुनवाई होना है। एएसआई ने काम पूरा करके रिपोर्ट तैयार करने के लिए आठ सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा है।
एएसआई का कहना है कि वर्तमान ढांचे को सुरक्षित रखते हुए सर्वे किया जा रहा है। यह अत्यंत धीमी प्रक्रिया है। सर्वे में जीपीआर मशीन इस्तेमाल की जाना है। इसके लिए नेशनल ज्योग्राफिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एनजीआरआई) से संपर्क किया है। न्यायालय के आदेशानुसार भोजशाला के 50 मीटर के दायरे में वैज्ञानिक सर्वे करना है। हिंदू पक्ष के अनुसार आधा कार्य भी नहीं हो पाया है। सोमवार को इंदौर में उच्च न्यायालय खंडपीठ में होने वाली सुनवाई पर सभी की निगाहें रहेंगी। सोमवार को न्यायमूर्ति एसए धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति गजेंद्र सिंह की युगलपीठ के समक्ष इस मामले में सुनवाई होना है।