Friday, November 22"खबर जो असर करे"

मप्रः भोपाल से इंदौर के बीच ग्रीन कॉरिडोर, एक व्यक्ति को मिलेगा नया जीवन

-इंदौर में बना 55वां ग्रीन कॉरिडोर, भोपाल से लाई गई ब्रेनडेथ शिक्षक की किडनी

भोपाल (Bhopal)। देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर अंगदान में भी पीछे नहीं है। यहां सोमवार को 55वां ग्रीन कॉरिडोर बना। दरअसल, भोपाल के बंसल अस्पताल से एक ब्रेनडेथ शिक्षक की किडनी ग्रीन कॉरिडोर बनाकर दो घंटे 45 मिनट में इंदौर के चोइथराम अस्पताल लाई गई। जिससे अब एक व्यक्ति को जीवनदान मिलेगा।

जानकारी के अनुसार, सागर निवासी 54 वर्षीय हरिशंकर धिमोले पेशे से शिक्षक थे। वे भोपाल से बंसल अस्पताल में बीमारी के कारण भर्ती थे। सोमवार को डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेनडेथ घोषित किया। इसके बाद चिकित्सकों की सलाह पर परिजनों ने अंगदान करने पर सहमति दी। तत्पश्चात ग्रीन कॉरिडोर की तैयारी की गई। इंदौर के चोइथराम अस्पताल में भर्ती एक व्यक्ति की किडनी खराब हो गई थी। तय प्रक्रिया के तहत उनका अंग प्रत्यारोपण के लिए चयन हुआ। परिजनों ने हरिशंकर के अंगों को भीगी आंखों से विदाई दी। इसके बाद एम्बुलेंस में विशेष बॉक्स में किडनी इंदौर पहुंचाई गई।
एक किडनी भोपाल के अस्पताल में ही ट्रांसप्लांट की गई, जबकि दूसरी किडनी लेकर भोपाल से डॉक्टरों की मौजूदगी में एक टीम इंदौर के लिए रवाना हुई। इंदौर से भोपाल के बीच आने वाले जिलों के अफसरों को ग्रीन कॉरिडोर की सूचना दे दी गई थी, ताकि रास्ते यातायात बाधित न हो।

भोपाल से एम्बुलेंस 12.30 बजे रवाना हुई, जो इंदौर तक 3.15 तक पहुंच गई। डॉक्टरों ने पहले से ही प्रत्यारोपण की तैयारी कर ली थी। इंदौर ग्रीन कॉरिडोर के मामले में देश में नंबर वन पर है। अब तक इंदौर में 55 ग्रीन कॉरिडोर बन चुके हैं। सात साल पहले इंदौर में पहला ग्रीन कॉरिडोर बना था।