गुजरात में आम का सीजन इस साल एक सप्ताह देरी से शुरू हुआ है। मार्च के पहले सप्ताह से यहां आम की आवक शुरू हो जाती है। गिर सोमनाथ और जूनागढ़ में केसर आम के पेड़ बहुतायत हैं। व्यापारियों ने बताया कि ऊना क्षेत्र से इस सीजन में आम की आवक की शुरुआत हुई है। गोंडल फ्रूट मार्केट यार्ड में बड़े पैमाने पर केसर आम की आवक होती है। पिछले साल गोंडल मार्केट यार्ड आम के मामले में पूरे राज्य में अव्वल रहा। इस मार्केट यार्ड में समूचे सौराष्ट्र से व्यापारी आम की खरीदारी के आते हैं। वहीं, किसानों को यहां आम का अच्छा भाव मिलता है, इसलिए वे इसी यार्ड में आम की उपज लेकर आते हैं। गोंडल मार्केट यार्ड में कंटाला, तलाला, ऊना के जसाधार, बाबरिया समेत क्षेत्रों से केसर आम की आवक होती है।
फलों का राजा नहीं, रानी है केसर
गुजरात के गिर सोमनाथ जिले के तालाला के प्रख्यात केसर आम को वर्ष 2011 में जीआई टैग दिया गया था। वर्ष 1931 से 1934 तक इस आम को सालेभाई की आंबडी के रूप में जाना जाता था। इस आम के रंग-रूप और खूबसूरती के कारण इसे फलों के राजा आम की रानी के रूप में जाना जाता है। फलों के राजा आम के क्षेत्रवार कई रोचक किस्से-कहानियां प्रचलित है। गिर सोमनाथ जिले के तालाला का केसर आम विश्व विख्यात है। आम का सीजन शुरू होने के साथ ही इस आम का विदेश निर्यात शुरू हो जाता है। खासकर ब्रिटेन और कनाडा में इसकी भरपूर मांग है। तालाला के केसर आम का रूप, रंग और गुण के साथ लाजवाब स्वाद लोगों को खूब भाता है। इस आम के खूबसूरत आकार के कारण इसे फलों की रानी भी कहा जाता है।
गिर सोमनाथ जिले का केसर आम देश में होने वाले आम का एक प्रकार है, लेकिन गिर जंगल का केसर आम अपने चमकते नारंगी रंग के कारण विख्यात है। इस आम की कहानी वर्ष 1931 से ज्ञात है। इस दौरान सर्वप्रथम जूनागढ़ के वजीर सालेभाई ने जूनागढ़ जिले के गिरनार पर्वत की तलहटी में वर्ष 1931 के दौरान खेतों में 75 आम के पौधे रोपे थे। यहां का आम वर्ष 1934 के दौरान केसर आम के रूप में विख्यात हुआ। जूनागढ़ के तत्कालीन नवाब मोहम्मद महाबत खान बाबी ने इसके केसरी रंग देखकर इसका नामकरण केसर आम किया था। (हि.स.)