Friday, September 20"खबर जो असर करे"

न्यायमूर्ति सत्येंद्र कुमार सिंह बने मप्र के नए लोकायुक्त, राज्यपाल ने दिलाई शपथ

भोपाल (Bhopal)। राज्य शासन द्वारा न्यायमूर्ति सत्येंद्र कुमार सिंह (Justice Satyendra Kumar Singh) को मध्यप्रदेश का नया लोकायुक्त (New Lokayukta of Madhya Pradesh) नियुक्त किया गया है। राज्यपाल मंगुभाई पटेल (Governor Mangubhai Patel) ने रविवार देर शाम राजभवन में आयोजित गरिमामय समारोह में न्यायमूर्ति सत्येंद्र कुमार सिंह को मध्यप्रदेश के नए लोकायुक्त पद की शपथ दिलाई। राज्यपाल ने नवनियुक्त लोकायुक्त जस्टिस सिंह को पुष्पगुच्छ भेंटकर बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

वर्तमान न्यायमूर्ति नरेश कुमार गुप्ता का कार्यकाल पिछले साल 17 अक्टूबर को ही पूरा हो गया था, लेकिन दूसरे लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं होने से उनका कार्यकाल स्वत: ही बढ़ गया था। माना जा रहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद ही प्रदेश को नया लोकायुक्त मिलेगा, लेकिन आचार संहिता लगने से पहले पूर्व न्यायमूर्ति सत्येंद्र कुमार सिंह को लोकायुक्त बनाया गया है। उन्होंने न्यायमूर्ति नरेश कुमार गुप्ता का स्थान लिया है।

राजभवन के सांदीपनि सभागार में रविवार देर शाम आयोजित गरिमामय समारोह में राज्यपाल पटेल ने उन्हें शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव मौजूद थे। शपथ ग्रहण समारोह की कार्यवाही का संचालन मुख्य सचिव वीरा राणा ने किया।

शपथ ग्रहण समारोह में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, सांसद वीडी शर्मा, खेल एवं युवा कल्याण एवं सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग, राज्य मुख्य सूचना आयुक्त एके शुक्ला, विभिन्न आयोगों के पदाधिकारी, पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना, जन प्रतिनिधि, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।

गौरतलब है कि जस्टिस सत्येंद्र कुमार सिंह 2023 में ही उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद से रिटायर्ड हुए हैं। वे उच्च न्यायालय में प्रिंसिपल रजिस्ट्रार समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चके हैं। इसके अलावा वे भोपाल जिला न्यायालय में एडीजे के पद पर भी रह चुके हैं। राज्यपाल मंगुभाई पटेल के आदेश पर शनिवार देर शाम सामान्य प्रशासन विभाग ने जस्टिस सत्येंद्र कुमार सिंह की लोकपाल पद पर नियुक्त के आदेश जारी किए थे। यह भी उल्लेखनीय है कि लोकायुक्त का कार्यकाल पूरा होने के बाद भी अगर नए लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं होती है तो वर्तमान लोकायुक्त का कार्यकाल अपने आप बढ़ जाता है। अधिकतम यह एक साल तक बढ़ाया जा सकता है।