Saturday, November 23"खबर जो असर करे"

लाल सागर, उत्तर-मध्य अरब सागर और अदन की खाड़ी में भारत ने निगरानी बढ़ाई

नई दिल्ली। पिछले कुछ हफ्तों में लाल सागर, अदन की खाड़ी और मध्य-उत्तरी अरब सागर में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लेन से गुजरने वाले व्यापारिक जहाजों के साथ हुईं घटनाओं को देखते हुए भारतीय नौसेना ने निगरानी बढ़ा दी है। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने अरब सागर क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने के लिए हर संभव कार्रवाई करने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर कड़ी नजर रखने के निर्देश जारी किए हैं।

 

लाल सागर में लाइबेरियन फ्लैग केमिकल, ऑयल टैंकर एमवी केम प्लूटो पर 23 दिसंबर को हमला हुआ था, जिसे भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने बचाया। इसके बाद जहाज को आईसीजी के जहाज आईसीजीएस विक्रम की निगरानी में 21 भारतीय और 01 वियतनामी चालक दल के साथ 25 दिसंबर को मुंबई लाया गया। साथ ही क्षेत्र में जागरुकता बनाए रखने के लिए लंबी दूरी के समुद्री टोही पी-8आई विमानों को नियमित रूप से तैनात किया है।

पश्चिमी नौसेना कमान का समुद्री संचालन केंद्र तटरक्षक बल और सभी संबंधित एजेंसियों के साथ समन्वय कर सक्रिय रूप से स्थिति की निगरानी कर रहा है। पिछले कुछ हफ्तों में लाल सागर, अदन की खाड़ी और मध्य-उत्तरी अरब सागर में समुद्री असुरक्षा की घटनाएं बढ़ी हैं। भारतीय तट से लगभग 700 समुद्री मील दूर एमवी रुएन पर समुद्री डकैती की घटना और पोरबंदर से लगभग 220 समुद्री मील दक्षिण पश्चिम में एमवी केम प्लूटो पर हाल ही में हुआ ड्रोन हमला भारतीय विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) के करीब समुद्री घटनाओं में बदलाव का संकेत देता है।

 

नौसेना ने लाल सागर से गुजरने वाले व्यापारिक जहाज़ों की सुरक्षा के लिए विभिन्न क्षेत्रों में पांच जहाज तैनात किये हैं। इसके अलावा लंबी दूरी के समुद्री टोही पी-8आई विमानों को नियमित रूप से तैनात किया गया है। इसके अलावा किसी भी घटना की स्थिति में व्यापारिक जहाजों को सहायता देने के लिए विध्वंसक और फ्रिगेट वाले कार्य समूहों को तैनात किया गया है। स्वदेशी आईएनएस कोच्चि राडार से बच निकलने के लिए डिजाइन किया गया है और इसमें अत्याधुनिक हथियार लगाए गए हैं। यह अग्रणी सुपरसोनिक तथा जमीन से जमीन तक मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल से लैस है।

 

आईएनएस कोलकाता भारत में अब तक तैयार किये गए युद्धपोतों में सर्वाधिक ताकतवर माना जाता है। यह भी लंबी दूरी तक भूमि से भूमि तक मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल से लैस है। मोरमुगाओ भारतीय नौसेना के विशाखापत्तनम श्रेणी के स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक जहाज का दूसरा जहाज है। फ्रिगेट आईएनएस त्रिशूल सतह से हवा में मार करने वाली हथियार प्रणालियों से लैस है।

 

नौसेना ने एक बयान में कहा कि संपूर्ण समुद्री डोमेन जागरुकता के लिए लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमानों और हवाई निगरानी को भी बढ़ाया गया है। ईईजेड की प्रभावी निगरानी के लिए भारतीय नौसेना तटरक्षक बल के साथ निकट समन्वय में काम कर रही है। राष्ट्रीय समुद्री एजेंसियों के समन्वय से भारतीय नौसेना समग्र स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है। भारत की नौसेना क्षेत्र में व्यापारिक जहाजरानी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।