Friday, November 22"खबर जो असर करे"

लिस्टिंग के साथ ही खिले इरेडा के निवेशकों के चेहरे

– पहले दिन ही निवेशकों को 87 प्रतिशत का मुनाफा

नई दिल्ली (New Delhi)। भारत सरकार (Indian government) की मिनी रत्न कंपनी (Mini Ratna Company) इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (आईआरईडीए) यानी इरेडा Indian Renewable Energy Development Agency (IREDA)) ने बुधवार घरेलू शेयर बाजार (domestic stock market) में जबरदस्त एंट्री (Tremendous entry) की। इरेडा के शेयरों की आज 56 प्रतिशत के प्रीमियम पर स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग हुई। जोरदार लिस्टिंग के बाद इस सरकारी कंपनी के शेयर 59.99 रुपये के अपर सर्किट पर पहुंच गए और आज का कारोबार खत्म होने पर इसी स्तर पर बंद हुए।

उल्लेखनीय है कि इरेडा का 2,150.21 करोड़ रुपये का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 21 से 23 नवंबर के बीच आया था। कंपनी ने अपने आईपीओ के जरिए 32 रुपये के भाव पर शेयर जारी किए थे। इस आईपीओ को ओवरऑल 38.8 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के हिस्से में 104.57 गुना सब्सक्रिप्शन हुआ था। इसी तरह नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के हिस्से में 24.5 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। जबकि खुदरा निवेशकों के हिस्से में 7.73 गुना सब्सक्रिप्शन और कर्मचारियों के हिस्से में 9.8 गुना सब्सक्रिप्शन आया था।

आज इरेडा के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में 56.25 प्रतिशत के लिस्टिंग गेन के साथ 50 रुपये के स्तर पर लिस्ट हुए। इस तरह 32 रुपये इश्यू प्राइस वाले इस शेयर ने अपने निवेशकों को लिस्टिंग के साथ ही जबरदस्त मुनाफा दिया। लिस्ट होने के बाद भी इस शेयर की तेजी लगातार बनी रही और अपर सर्किट (59.99 रुपये प्रति शेयर) लगने तक इसने अपने निवेशकों को 87.50 प्रतिशत तक का मुनाफा दिला दिया था।

इस आईपीओ के तहत 1,290.13 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए गए। इसके अलावा 10 रुपये फेस वैल्यू वाले शेष शेयरों की ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) विंडो के तहत बिक्री की गई। इसके पहले तक भारत सरकार के पास इरेडा के 100 प्रतिशत शेयर थे, लेकिन आईपीओ के जरिए भारत सरकार ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी कुछ कम की है।

36 साल पुरानी ये सरकारी कंपनी रिन्यूएबल एनर्जी और एनर्जी एफिशिएंसी प्रोजेक्ट्स के लिए लोन उपलब्ध कराती है। कंपनी के आईपीओ प्रॉस्पेक्टस में दी गई जानकारी के मुताबिक आईपीओ से मिली राशि का इस्तेमाल भविष्य की पूंजी जरूरत को पूरा करने और नए लोन बांटने के लिए कैपिटल बेस बढ़ाने के काम में किया जाएगा।