नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता (India’s G-20 presidency) ने दुनिया की आबादी (world population) के एक बड़े हिस्से की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक स्पष्ट नीतिगत दिशा (clear policy direction) दी है। सीतारमण ने कहा कि आबादी का यह वह हिस्सा है, जिनकी आवाज अक्सर बहुपक्षीय मंचों पर अनसुनी कर दी जाती है।
सीतारमण आज नई दिल्ली में वित्त और श्रम मंत्रालय तथा वाणिज्य विभाग के ‘मजबूत, सतत, संतुलित और समावेशी वृद्धि’ विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रही थीं। वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि हालांकि, हमारे लिए इस मामले में अब भी काम करना बाकी है। उन्होंने कहा कि जी-20 नई दिल्ली घोषणा (एनडीएलडी) पर समूह के सभी देशों ने सर्वसम्मति से सहमति व्यक्त की है।
वित मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद से वैश्विक अर्थव्यवस्था कई संकट से जूझ रही है। इसका वैश्विक वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। हालांकि, पुनरुद्धार जारी है, लेकिन यह धीमा और असमान बना हुआ है। उन्होंने कहा कि भले ही इस महीने के अंत तक जी-20 की अध्यक्ष के रूप में हमारी भूमिका समाप्त हो रही है। एनडीएलडी में नीति मार्गदर्शन के मामले में जो शुरुआत हुई है, उसकी गति बनाई रखी जानी चाहिए। गौरतलब है कि भारत को एक दिसंबर, 2022 को जी-20 की अध्यक्षता मिली थी।