नई दिल्ली। केरल के मलप्पुरम में फिलिस्तीन समर्थक रैली में हमास के पूर्व प्रमुख खालिद मेशाल के आभासी संबोधन के बमुश्किल 12 घंटे बाद कलामासेरी में प्रार्थना सभा के दौरान रविवार को हुए जोरदार बम धमाकों के बाद केंद्र सरकार हाई अलर्ट पर है। पूरे हालात पर केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह नजर बनाए हुए हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की आठ सदस्यीय टीम केरल भेज दी गई है। विस्फोट में इस्तेमाल की गई सामग्रियों को इकट्ठा करने और जांच करने के लिए एक बम निरोधक इकाई को दिल्ली से केरल भेजा गया है।
केरल में एर्नाकुलम जिले के कलामासेरी स्थित एक कन्वेंशन सेंटर में रविवार सुबह एक के बाद हुए तीन बम धमाकों में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 52 लोग घायल हुए हैं। यह विस्फोट उस समय हुआ, जब कन्वेंशन सेंटर में ईसाइयों के एक सम्प्रदाय ‘यहोवा के साक्षी’ की प्रार्थना सभा चल रही थी। एनआईए और केरल पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। शाम को त्रिशूर जिले के कोडकारा पुलिस स्टेशन में एक व्यक्ति ने यह दावा करते हुए सरेंडर किया है कि उसने ही कन्वेंशन सेंटर में बम लगाया था। हालांकि, पुलिस ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है कि उसका ब्लास्ट से कोई कनेक्शन है या नहीं, लेकिन उससे पूछताछ की जा रही है।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज का कहना है कि 52 लोग अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। मेडिकल कालेज में 30 लोग भर्ती हैं, जिनमें से 18 आईसीयू में हैं। छह6 गंभीर रूप से घायल हैं, उनमें से एक 12 साल का बच्चा भी है। बाकी सभी घायल दूसरे प्राइवेट अस्पतालों में हैं। मृतक की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। जमरा इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्जीबिशन सेंटर, कलामासेरी में हुए विस्फोट पर केरल के डीजीपी डॉ शेख दरवेश साहब का कहना है कि मेरे मौके पर पहुंचने के बाद हम आज ही इसके लिए एक विशेष टीम का गठन करेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या विस्फोट के संबंध में कोई जानकारी थी, उन्होंने कहा कि कोई विशेष जानकारी नहीं थी।
दूसरी तरफ, खुफिया एजेंसियों ने पिछले एक हफ्ते में गैर-मुसलमानों पर संभावित हमलों के लिए केरल सरकार को 3 अलर्ट दिए थे, लेकिन केरल सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इस बीच शनिवार रात को केरल के मलप्पुरम में फिलिस्तीन समर्थक एक रैली हुई, जिसे हमास के पूर्व प्रमुख खालिद मेशाल ने आभासी रूप से संबोधित किया था। इस रैली के बमुश्किल 12 घंटे बाद आज सुबह एक के बाद हुए तीन बम धमाकों ने पूरे केरल को हिलाकर रख दिया। इसी के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एनएसजी को घटना की जांच के निर्देश दिए। इसी के साथ एक अधिकारी सहित आठ सदस्यीय टीम बम विस्फोट के बारे में पूछताछ करने के लिए केरल रवाना कर दी गई है।
इसी के साथ एनएसजी ने विस्फोट में इस्तेमाल की गई सामग्रियों को इकट्ठा करने और जांच करने के लिए अपनी एक बम निरोधक इकाई को भी दिल्ली से केरल भेजा है। घटना की शुरुआती जांच में पता चला है कि धमाकों के लिए आईईडी का इस्तेमाल हुआ है, जिसे टिफिन बॉक्स में छिपाकर भीड़ में अलग-अलग जगह पर रखा गया था, ताकि अफरा-तफरी मचने पर ज्यादा से ज्यादा लोग प्रभावित हो सकें। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें अफरा-तफरी के माहौल में लोग इधर से उधर भागते दिख रहे हैं। कुर्सियां आग की लपटों में घिरी हुई हैं और कुछ लोग आग को फैलने से रोकने के लिए वहां से कुर्सियों को हटा रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ईसाई समुदाय को निशाना बनाकर किए गए इस विस्फोट के लिए केरल सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कल ही आतंकी संगठन हमास के पूर्व प्रमुख को फिलिस्तीन समर्थक रैली को वर्चुअली संबोधित करने की अनुमति दी और केरल सरकार ने उस कार्यक्रम को होने दिया और इसके बाद हम विस्फोटों के रूप में यह परिणाम देख रहे हैं। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान कहते हैं कि कालामासेरी में एक धार्मिक सभा में विस्फोट के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और 20 से अधिक घायल हो गए। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना की है।
केरल में हुए धमाकों पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता अल्फोंस केजे का कहना है कि जाहिर तौर पर कई धमाके होने से स्थिति बेहद गंभीर है। मैं लंबे समय से चेतावनी दे रहा हूं कि केरल में यह बहुत लंबे समय से हो रहा है, आज केरल आतंकवाद की चपेट में है, जिसे रोकना होगा। भाजपा नेता अनिल एंटनी कहते हैं कि केरल में पिछले कुछ वर्षों में बहुत सारे कट्टरपंथी संगठनों का उदय देखा गया है। अब केरल में कम्युनिस्ट पार्टी का शासन है। कांग्रेस और मुस्लिम लीग दो प्रमुख विपक्षी दल हैं। ये तीनों इंडी गठबंधन का हिस्सा हैं। कल केरल में एक आतंकी नेता विशाल भीड़ को वर्चुअली संबोधित कर रहा था। भाजपा इन सभी गतिविधियों की कड़ी निंदा करती है। पिछले कुछ महीनों में एनआईए ने केरल में कई जांच की हैं। एक बार फिर एनआईए को इसमें कदम उठाना होगा।