– पुलिस से मुठभेड़ में लगी पैर में गोली, अस्पताल में भर्ती
ग्वालियर (Gwalior)। जिले के बनहेरी ग्राम पंचायत के सरपंच विक्रम रावत ( Banheri Gram Panchayat Sarpanch Vikram Rawat) की हत्या के मामले (murder case ) में मुख्य आरोपी पुष्पेंद्र रावत (main accused Pushpendra Rawat) को पुलिस ने शॉर्ट एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को मंगलवार देर शाम उसके पनिहार के जंगल में छिपे होने और कोई बड़ी वारदात इरादे का पता चला, जिसके बाद उसकी घेराबंदी की गई। पुलिस को देखते ही पुष्पेंद्र ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में पुलिस ने भी गोलियां चलाई, जिससे बदमाश घायल हो गया। उसके पैर में गोली लगी है। फिलहाल, उसे ग्वालियर के जयआरोग्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सीएसपी अशोक सिंह जादौन ने जानकारी देते हुए बताया कि नौ अक्टूबर को बनहेरी गांव के सरपंच विक्रम सिंह की हत्या के मामले में चार बदमाशों को पुलिस ने पिछले दिनों गिरफ्तार किया था, जबकि मुख्य आरोपित पुष्पेंद्र रावत घटना के बाद से फरार था। पुलिस की टीमें लगातार उसके संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही थी, इसी बीच मंगलवार देर शाम सूचना मिली कि पांच हजार का इनामी पुष्पेंद्र रावत पनिहार के जंगल में छिपा है और एक बार फिर कोई बड़ी वारदात कर सकता है।
उन्होंने बताया कि मुखबिर की सूचना पर पुलिस की टीमों ने पनिहार के जंगलों में सर्चिंग शुरू की और आरोपित के छिपे होने के ठिकाने को घेर लिया। आरोपित ने पुलिस की आहट मिलते ही फायरिंग शुरू कर दी, जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोलियां चलाई, जिसमें से एक गोली पुष्पेंद्र रावत के पैर में लगी। इसके बाद पुलिस टीम ने उसे दौड़कर गिरफ्तार कर लिया।
सीएसपी जादौन ने बताया कि घायल बदमाश को लेकर पुलिस जयारोग्य अस्पताल आई, जहाँ उसे भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपित पुष्पेंद्र रावत सरपंच विक्रम रावत की हत्या का मास्टर माइंड है। उनने ही पहले विक्रम के भाई राम निवास की हत्या की थी।
गौरतलब है कि पड़ाव थाना क्षेत्र के गांधी नगर में नौ अक्टूबर की सुबह बाइक पर आए नकाबपोश हथियारबंद बदमाशों ने एक कार से उतरते समय सरपंच विक्रम रावत पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। घटना के अगले दिन एसपी राजेश सिंह चंदेल ने हत्या के आरोपित पुष्पेन्द्र रावत, अतेन्द्र रावत, बंटी रावत और मुकेश रावत और एक अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करते हुए 5000-5000 रुपये का इनाम घोषित कर दिया। एसपी ने वरिष्ठ अधिकारियों की टीमें बनाकर आरोपियों की शीघ्र गिरफ़्तारी के निर्देश दिए थे। जिसके बाद पुलिस ने लगातार दबिश देकर 13 अक्टूबर को चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था।