– मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने की ग्वालियर को मतदान में प्रदेश में नम्बर वन बनाने की अपील
ग्वालियर (Gwalior)। सतरंगी और मनमोहक रोशनी (colorful and lovely lights) में सराबोर शहर का महाराज बाड़ा (Maharaja Bada) लोकतंत्र की मजबूती (strengthening of democracy) के उद्देश्य को लेकर रविवार देर शाम आयोजित हुए अभिनव कार्यक्रम का साक्षी बना। मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन (Chief Electoral Officer Anupam Rajan) की मौजूदगी में स्वीप (सिस्टमेटिक वोटर्स एज्यूकेशन एण्ड इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन) के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में युवा, महिला, श्रमिक, कृषक व शहर की पॉश कॉलोनी निवासी, दिव्यांग व किन्नर मतदाताओं से संवाद हुआ। साथ ही बुजुर्ग चौपाल का आयोजन और दिव्यांगों द्वारा मतदाता जागरूकता गीतों की प्रस्तुति दी गई।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजन ने संवाद के दौरान सभी मतदाताओं के सुझाव सुने और भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाताओं को मुहैया कराई जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। साथ ही सभी से अपील की कि विधानसभा चुनाव में अधिक से अधिक मतदान कर ग्वालियर जिले को पूरे प्रदेश में नम्बर वन बनाएं।
कार्यक्रम में संभाग आयुक्त दीपक सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डी श्रीनिवास वर्मा, पुलिस महानिरीक्षक चंबल जोन सुशांत सक्सेना, कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश चंदेल, जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार एवं स्मार्ट सिटी की सीईओ नीतू माथुर सहित अन्य संबंधित अधिकारी और बड़ी संख्या में शहरवासी मौजूद थे। साथ ही इस कार्यक्रम की सहयोगी संस्था रेडियो चस्का के निदेशक तरूण गोयल व स्टेशन हैड सुरेन्द्र माथुर भी मंचासीन थे। चस्का की आरजे रिचा शर्मा ने बड़ी रोचकता के साथ इस कार्यक्रम की एंकरिंग की। सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर एसबी ओझा ने किया।
आरंभ में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन सहित सभी अधिकारियों ने ग्वालियर जिले के शुभंकर के साथ फोटोग्राफ खिंचवाए और मतदान करने के लिये हस्ताक्षर किए।
सी-विजिल एप पर करें शिकायत, 100 मिनट के भीतर होगा निराकरण
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने संवाद के दौरान आचार संहिता के पालन के संबंध में आए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग ने सी-विजिल एप तैयार कराया है, जिस पर कोई भी व्यक्ति आचार संहिता के उल्लंघन के संबंध में शिकायत कर सकता है। सी-विजिल पर प्राप्त शिकायत का 100 मिनट के भीतर निराकरण किया जाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने ऑनलाइन वोटिंग से संबंधित सुझाव के जवाब में कहा कि इस पर विचार चल रहा है, पर ऑनलाइन व्यवस्था को लागू करने में तमाम चुनौतियाँ हैं। तमाम बड़े-बड़े विकसित देश भी इस व्यवस्था को अभी लागू नहीं कर पाए हैं। पोलिंग बूथ व्यवस्था में लोग अकेले में और बिना किसी दबाब के अपने मताधिकार का उपयोग करते हैं।
80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता को घर पर वोट डालने का विकल्प
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजन ने संवाद के दौरान जानकारी दी कि 80 साल से अधिक बुजुर्ग और 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले मतदाताओं को घर पर ही वोट डालने का विकल्प मुहैया कराने का निर्णय निर्वाचन आयोग ने लिया है। उन्होंने बताया कि मतदान केन्द्र पर महिला व पुरूषों की अलग-अलग लाइन लगेंगी और एक पुरूष मतदाता के बाद दो महिला मतदाताओं को वोट डालने का अवसर दिया जायेगा। इसी तरह बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता को बगैर लाइन में लगे वोट डालने की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी।
संभाग आयुक्त दीपक सिंह एवं कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने संवाद के दौरान कहा कि ग्वालियर जिले में इस बार शुद्ध मतदाता सूची तैयार करने में बहुत मेहनत की गई है। साथ ही यह भी प्रयास किए गए हैं कि लोगों को मतदान के लिये कम से कम दूरी तय करनी पड़े। संभाग आयुक्त ने बताया कि संगठित क्षेत्र के श्रमिक को सवैतनिक अवकाश के साथ वोट डालने की सुविधा मिलेगी। असंगठित क्षेत्र के श्रमिक को भी जिला प्रशासन द्वारा वोट डालने के लिये छुट्टी दिलाई जायेगी।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डी श्रीनिवास वर्मा, आईजी सुशांत सक्सेना व पुलिस अधीक्षक राजेश चंदेल ने संवाद के दौरान कहा कि मतदाता निर्भीक होकर वोट डालने जाएँ। पुलिस द्वारा मतदान दिवस को सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की जायेगी। साथ ही पहले से ही असमाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जा रही है।
वोट डालने से चूका मतदाता पाँच साल पछताता है
मतदाताओं को जागरूक करने के उद्देश्य से हुए इस सार्थक संवाद में सभी वर्ग के मतदाताओं ने खुलकर अपने विचार व्यक्त किए। साथ ही अपने सुझाव भी दिए। बिलौआ से आए कृषक प्राण सिंह माथुर ने बड़े ही रोचक अंदाज में मतदान के महत्व को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने अपने गाँव की कहावत के माध्यम से कहा कि अषाढ़ का चूका किसान साल भर पछताता है, पर विधानसभा चुनाव में वोट डालने से जो मतदाता चूक जाता है उसे पाँच साल तक पछताना पड़ता है।
उन्होंने सभी से वोट डालने की अपील करते हुए कहा कि हजारों, लाखों लोगों की कुर्बानियों की बदौलत हमें आजादी मिली और वोट डालने का अधिकार हासिल हुआ है। इसलिए सभी को अपने मताधिकार का उपयोग करना चाहिए। उनका यह भी कहना था कि जब हम पहली बार वोट डालने गए थे तब लगभग सात किलोमीटर पैदल चलकर मतदान केन्द्र पहुँचे थे और अपने साथ प्याज और रोटी लेकर गए थे। अब तो निर्वाचन आयोग द्वारा घर के नजदीक ही मतदान की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
इसी तरह हाल ही में 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर पहली बार वोट डालने जा रही यशी चौहान, महिला मतदाता रिचा शिवहरे, श्रमिक यूनियन के प्रतिनिधि विजयंत नायक व डीबी सिटी निवासी बुजुर्ग मतदाता ने मतदान के महत्व पर अपने विचार रखे। साथ ही सुझाव भी दिए।
दानों में कई दान पर सबसे बड़ा मतदान
“दानों में कई दान पर सबसे बड़ा मतदान, मत की कीमत मत की ताकत मतदाता पहचान” गीत को मधुर आवाज में माधव अंधाश्रम के बच्चों ने प्रस्तुत कर सभी से वोट डालने की अपील की। साथ ही एक अन्य गीत “वोटिंग के दिन भाई बहनों वोटर धर्म निभाना है, सभी जरूरी काम छोड़कर वोट डालने जाना है” की प्रस्तुति देकर समा बांध दिया।