भोपाल। इजराइल पर आतंकियों के बर्बर हमले से देश की जनता स्तब्ध है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस हमले पर पर दुख व्यक्त किया है और इस संकट की घड़ी में इजराइल के साथ एकजुटता प्रदर्शित की है। लेकिन ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि सिर्फ तुष्टिकरण की राजनीति के चलते कांग्रेस इस मामले में देश के अधिकृत स्टेंड से अलग जा रही है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने आतंकियों के समर्थन में एक प्रस्ताव पारित किया है। कांग्रेस का यह रवैया नया नहीं है, बल्कि कांग्रेस का हाथ हमेशा से आतंकवादियों, नक्सलवादियों और जिहादियों के साथ रहा है।
यह बात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने मंगलवार को मीडिया सेंटर में पत्रकारां से बातचीत में कही। उन्होंने कांग्रेस के इस रवैये की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि आने वाले चुनाव में जनता ही कांग्रेस की इस समस्या का इलाज करेगी।
हमेशा देश विरोधियों के साथ खड़ी रही कांग्रेस
शर्मा ने कहा कि देश विरोधियों, आतंकवादियों के प्रति हमदर्दी कांग्रेस की पुरानी आदत है। जो देश के लिए खतरनाक हैं, देश पर हमला करते हैं, कांग्रेस उनके लिए प्रेम दिखाती रही है। कांग्रेस के लोग वैश्विक आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को ओसामा जी कहते हैं, तो मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को हाफिज साहब कहते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बाटला हाउस एनकाउंटर में मारे गए आतंकियों के लिए सोनिया गांधी ने जहां लगातार आंसू बहाए, वहीं, मि. बंटाढार दिग्विजयसिंह तो उस मुठभेड़ को ही फर्जी बताते रहे। कांग्रेस के लोगों ने सिमी को समर्थन दिया, कर्नाटक चुनाव के समय पीएफआई को समर्थन दिया। मुंबई हमले में अनगिनत बेगुनाहों को मारने वाले आतंकी कसाब के प्रति कांग्रेस का नरम रुख किसी से छिपा नहीं है।
शर्मा ने कहा कि भारतमाता के टुकड़े करने के नारे लगाने वाले टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्यों को राहुल गांधी गले लगाते हैं और उन्हें कांग्रेस में पद दिए जाते हैं। कांग्रेस वो पार्टी है, जो कुख्यात आतंकी यासीन मलिक के स्वागत में दिल्ली में रेड कॉर्पेट बिछाती रही है, तो जाकिर नाइक से चंदा लेती रही है। मि. बंटाढार देश को हिंदू आतंकवाद से खतरा बताते हैं और जाकिर नाइक को शांतिदूत कहते हैं। शर्मा ने कहा कि हिंदुओं का विरोध, हिंदू संस्कृति के मानबिंदुओं का विरोध कांग्रेस की आदत रही है।
कांग्रेस के खून में आज भी जीवित हैं अंग्रेजों की जींस
शर्मा ने कहा कि जो राहुल गांधी विदेशों में जाकर भारतमाता का अपमान करते हैं, वो आज शहडोल की सभा में हमारी जनजातीय भाइयों, वनवासियों, आदिवासी भाइयों को अलग बता रहे हैं। वो कहते हैं, ये इस जमीन पर पैदा नहीं हुए, बाहर से आए हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की यह सोच बताती है कि कांग्रेस के खून में अंग्रेजों के जींस आज भी जीवित हैं, इसीलिए कांग्रेस आज भी फूट डालो, राज करो की नीति पर चल रही है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने शहडोल की नुक्कड़ सभा में किसी जनजातीय क्रांतिवीर का जिक्र करना उचित नहीं समझा, जिसने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी हो। उन्होंने आदिवासी भाईयों के उत्थान की कोई बात नहीं की, बस विभेद पैदा करने की कोशिश में लगे रहे। हमारे जनजातीय बंधुओं में विभाजन कैसे हो, इस प्रयास में लगे रहे और यही कांग्रेस का मूल चरित्र है।
शर्मा ने कहा कि हमारे आदिवासी भाईयों की बात करते समय राहुल गांधी को यह याद रखना चाहिए कि देश में अलग जनजातीय मंत्रालय बनाने का काम स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने किया था। वहीं, आदिवासी भाईयों को अधिकार संपन्न और खुशहाल बनाने के लिए पेसा एक्ट लागू करने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी यह भूल गए कि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू जी ने उसी शहडोल से पेसा एक्ट को लागू किया था, जहां पर वो आदिवासी भाईयों में भेद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। शर्मा ने कहा कि आने वाले चुनाव में प्रदेश की जनता और हमारे आदिवासी भाई कांग्रेस को कड़ा जवाब देंगे और उसके खून में मौजूद इस जींस को समाप्त कर देंगे।