– कहा, बड़े वाणिज्यिक बैंकों के बोर्ड में एक या दो सदस्यों का ‘अत्यधिक दबदबा’
नई दिल्ली (New Delhi)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गनर्वर (Reserve Bank of India Governor) शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने सोमवार को कहा कि आरबीआई (RBI) शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) (Urban Cooperative Banks – UCBs) में कुल 8.7 फीसदी गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) अनुपात को लेकर आरबीआई ‘सहज नहीं’ है।
मुंबई में आरबीआई की ओर से आयोजित शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के निदेशकों की बैठक को संबोधित करते हुए शक्तिकांत दास ने कहा कि बड़े वाणिज्यिक बैंकों के निदेशक मंडल (बोर्ड) में एक या दो सदस्यों का ‘अत्यधिक दबदबा’ रहता है। दास ने कहा कि बोर्ड में चर्चा स्वतंत्र, निष्पक्ष और लोकतांत्रिक होनी चाहिए। बोर्ड के एक या दो सदस्यों, चेयरमैन या वाइस-चैयरमैन का अत्यधिक प्रभाव या दबदबा नहीं होना चाहिए। शक्तिकांत दास ने कहा कि हमने ऐसा बड़े वाणिज्यिक बैंकों में भी देखा है, जहां भी हमने ऐसा देखा, हमने बैंक से कहा कि यह सही तरीका नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी निदेशकों को बोलने का मौका दिया जाना चाहिए और किसी मामले पर किसी विशेष निदेशक की बात अंतिम नहीं होनी चाहिए।