Friday, November 22"खबर जो असर करे"

MP: सीएम मुख्यमंत्री ने व्यापारियों-उद्योगपतियों के हित में की कई घोषणाएं

– गार्वेज शुल्क का होगा युक्तियुक्तकरण, विरोध प्रदर्शन पर व्यापारियों पर लगे मुकदमे होंगे वापस

ग्वालियर (Gwalior.)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan)ने रविवार को ग्वालियर अंचल के व्यापारिक-औद्योगिक विकास पर मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज (Chamber of Commerce and Industries) ग्वालियर द्वारा आयोजित संवाद कार्यक्रम में व्यापारियों एवं उद्योगपतियों (Traders and industrialists) के हित में कई घोषणाएं कीं। उन्होंने व्यापारियों की बहुप्रतीक्षित गार्वेज शुल्क को लेकर चल रही मांग पर इसका युक्तियुक्तिकरण करने की घोषणा की। इसके साथ ही सोना-चाँदी पर बढ़ाई गई एक्साइज ड्यूटी के विरोध में किए गए आंदोलन व प्रदर्शन के समय व्यापारियों पर दर्ज किए गए सभी मुकदमे वापस लेने की भी घोषणा की।

मुख्यमंत्री चौहान ने कार्यक्रम में व्यापारियों की अन्य मांगों को भी स्वीकार करते हुए उनके हित में घोषणा की। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, जल संसाधन मंत्री मंत्री तुलसीराम सिलावट, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, सभापति मनोज तोमर, भाजपा जिला अध्यक्ष अभय चौधरी, चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल, कोषाध्यक्ष संदीप नारायण अग्रवाल सहित चेम्बर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी एवं सदस्यगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने व्यापारियों की मांग पर ट्रांसपोर्ट नगर में उच्च गुणवत्ता की सीमेंट कंक्रीट बनाए जाने की मांग पर सड़कों के निर्माण हेतु धनराशि उपलब्ध कराने की भी घोषणा की। इसके साथ ही औद्योगिक क्षेत्र को संपत्तिकर मुक्त किए जाने की मांग पर उन्होंने कहा कि इसका परीक्षण कराया जाएगा और औद्योगिक क्षेत्र में व्यापारियों पर दो टैक्स न लगें, यह सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने ग्वालियर विकास प्राधिकरण द्वारा बनाए गए माधव प्लाजा में व्यापारियों से विलम्ब शुल्क न लिए जाने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने नगर निगम के नामांतरण को संपत्ति की रजिस्ट्री से जोड़ने की व्यवस्था भी होगी। इसके साथ ही प्रोफेशनल टैक्स के संबंध में शासन स्तर से गंभीरता से विचार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण सुझावों के संबंध में कहा कि जल उपभोक्ताओं के बकाया बिलों के लिये विद्युत विभाग की तरह ही योजना बनाकर जल उपभोक्ताओं के लंबित बिलों का निराकरण किया जाएगा। इसके लिये शासन स्तर से शीघ्र ही रणनीति बनाकर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही व्यापारी की सुरक्षा, सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिये आवश्यक हुआ तो कानूनों में भी प्रावधान किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि आपदा और विपदा के समय व्यापारियों को आर्थिक सहयोग करने के लिये सरकार ऐसे व्यापारियों को बैंक ऋण उपलब्ध कराने की सुविधा उपलब्ध कराएगी, जिसका ब्याज सरकार वहन करेगी, ताकि व्यापारी आपदा से उभरकर पुन: अपना व्यवसाय कर सकें। उन्होंने सूखे नशे की प्रवृत्ति पर कठोरता से रोक लगाने के निर्देश भी दिए।

मुख्यमंत्री चौहान ने संवाद कार्यक्रम में कहा कि औद्योगिक विकास के बिना किसी भी प्रदेश या देश का विकास नहीं हो सकता है। व्यापारियों को व्यापार के लिये हर सुविधा मिले, यह प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चौतरफा जो विकास हुआ है उसमें व्यापारियों और उद्योग धंधों का बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि देश की सकल विकास दर में पहले मध्यप्रदेश तीन प्रतिशत का योगदान देता था, वह बढ़कर अब चार प्रतिशत से अधिक हो गई है।

उन्होंने कहा कि 2003 से पहले जहाँ मध्यप्रदेश का बजट 21 हजार करोड़ था, उसे बढ़ाकर हमने तीन लाख 14 हजार करोड़ रुपये किया है। इसी प्रकार पहले मध्यप्रदेश में 47 लाख हैक्टेयर में सिंचाई होती थी, अब 65 लाख हैक्टेयर में सिंचाई होती है। मध्यप्रदेश में हर क्षेत्र में विकास का परचम लहराया है।

केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सिंधिया परिवार ने 1906 में चेम्बर ऑफ कॉमर्स की स्थापना की थी, तभी से चेम्बर ऑफ कॉमर्स व्यापार और उद्योगों के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले नौ वर्षों में देश ने विकास के कई आयाम स्थापित किए हैं। विकास की दौड़ में अब हमारा देश पांचवें स्थान पर है, जिसे तीसरे स्थान पर लाने के लिये देश तेजी से कार्य कर रहा है। देश के विकास में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं।

कार्यक्रम के प्रारंभ में चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल ने व्यापारियों के हित में गार्वेज शुल्क के युक्तियुक्तकरण, प्रोफेशनल टैक्स को समाप्त करने, औद्योगिक क्षेत्र को संपत्तिकर से मुक्त रखने, ट्रांसपोर्टनगर में सड़कों के निर्माण तथा व्यापारियों पर लगे मुकदमे वापस लेने की मांग रखी। इसके साथ ही कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।