नई दिल्ली। देश के लोगों को 5जी सर्विस (5G service available) उपलब्ध कराने की दिशा में काम तेजी से चल रहा है। दूरसंचार क्षेत्र की बहुप्रतीक्षित 5जी स्पेक्ट्रम (5G spectrum) की नीलामी का पहला दिन मंगलवार शाम 6 बजे पूरा हो गया। नीलामी के पहले दिन चार दौर की बिडिंग हुई है। इसमें रिलायंस जियो (Reliance Jio), भारती एयरटेल (Bharti Airtel), वोडाफोन और अडाणी समूह ने भी हिस्सा लिया। स्पेक्ट्रम नीलामी का पांचवां दौर 27 जुलाई को भी होगा।
देश में 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियां आक्रामक और प्रतिस्पर्धी बोली नहीं लगा रही हैं। ऐसे में 4.3 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 72 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के नीलामी की बोली मिड-बैंड, हाई-बैंड स्पेक्ट्रम के आसपास केंद्रित होने की संभावना है। देश में 5जी नेटवर्क की सर्विस शुरू करने के लिए आज सुबह 10 बजे से नीलामी की प्रक्रिया हुई, जो 27 जुलाई को भी जारी रहेगी।
इस नीलामी में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और नए खिलाड़ी अडाणी डाटा नेटवर्क ने भी हिस्सा लिया है। इसमें कुल स्पेक्ट्रम की नीलामी के जरिए सरकार को कुल 4.3 लाख करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है, जिसमें पहली नीलामी से सरकार को करीब एक लाख करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है।
निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियां स्पेक्ट्रम बैंड के लिए बोली लगाएंगी, जिसके लिए तीन कैटेगरी निर्धारित की गई है। इसमें लो, मिड और हाई कैटेगरी है। 5जी स्पेक्ट्रम की वैधता 20 साल के लिए होगी। रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडा-आइडिया (वीआई) और अडानी नेटवर्क्स ने कुल मिलाकर 21,800 करोड़ रुपये बतौर बयाना सरकार के पास जमा कराया है। रिलायंस जियो ने 14 हजार करोड़ रुपये, एयरटेल ने 5,500 करोड़ रुपये, वीआई ने 2,200 करोड़ रुपये और अडानी डेटा नेटवर्क्स ने 100 करोड़ रुपये जमा कराया है। (एजेंसी, हि.स.)