– मुख्यमंत्री 28 अगस्त को जीएमसी में करेंगे 727 करोड़ के निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास
भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) सोमवार, 28 अगस्त को गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) (Gandhi Medical College – GMC) में 727 करोड़ की लागत के निर्माण कार्यों की सौगात देने जा रहे हैं। इसको लेकर तैयारियाँ पूरी हो गई हैं। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग (Medical Education Minister Vishwas Kailash Sarang) ने शनिवार को कॉलेज पहुँचकर लोकार्पण और भूमि-पूजन की व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं का निरंतर विस्तार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री चौहान 28 अगस्त को कॉलेज में 482 करोड़ पांच लाख रुपये की लागत से निर्मित 2000 बिस्तरीय अस्पताल एवं इमरजेंसी मेडिसिन विभाग का लोकार्पण और 17 करोड़ 52 लाख रुपये की लागत के नवीन ओ.पी.डी. भवन, 27 करोड़ चार लाख रुपये की लागत के नर्सिंग कॉलेज एवं हॉस्टल तथा ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर निर्माण कार्य का शिलान्यास करेंगे। साथ ही मुख्यमंत्री 199 करोड़ 11 लाख रुपये की लागत से कॉलेज में 150 से 250 सीट एवं पीजी सीट वृद्धि परियोजना की भी शुरूआत करेंगे। इससे भोपाल सहित प्रदेश में रहने वाले मरीजों को विश्व-स्तरीय गुणवत्ता की स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध हो सकेंगी।
इमरजेंसी मेडिसिन विभाग में उपलब्ध होगी विश्व-स्तरीय सुविधाएँ
मुख्यमंत्री चौहान हमीदिया अस्पताल के इमरजेंसी मेडिसिन विभाग का उद्घाटन भी करेंगे। विभाग में उपलब्ध सुविधाओं के संबंध में जानकारी देते हुए मंत्री सारंग ने बताया कि किसी भी आकस्मिक स्थिति के साथ हमीदिया अस्पताल में आने वाले मरीज का पहले इलाज प्रारंभ होगा, वहीं परीक्षण और अन्य औपचारिकताएँ बाद में की जाएंगी। इससे घायल या बीमार मरीज का अविलंब इलाज किया जाना सुनिश्चित होगा। साथ ही विभाग में सभी विधाओं के चिकित्सकों की उपलब्धता मरीज के समुचित इलाज में मददगार साबित होगी। इमरजेंसी मेडिसिन विभाग शुरू होने के साथ ही इस बात का भी अध्ययन किया जाएगा कि मरीज को कितनी देर में चिकित्सकीय सुविधाएँ, जाँच या ऑपरेशन की सुविधाएँ मुहैया की जा रही हैं और किन प्रयासों के द्वारा उस समय को और कम किया जा सकता है।
इमरजेंसी विभाग की अन्य विशेषताएँ
– परिजनों के बैठने के लिये समुचित व्यवस्था और वेटिंग एरिया में डिस्प्ले पर मरीज अभी किस स्थिति में है और कहाँ पर उसका इलाज किया जा रहा है, की जानकारी प्रदर्शित की जाएगी।
– विभाग के समस्त स्टाफ की कलर कोडेड ड्रेसेस होंगी।
– विभाग के नजदीक रेडियोलॉजी विभाग होगा, जिसमें एक्स-रे, सोनोग्राफी, सीटी स्केन एवं एमआरआई की समस्त सुविधाएँ मरीज को अविलंब उपलब्ध हो सकेंगी।
– घायल मरीजों को तुरंत ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध हो, इस उद्देश्य से तीन सुसज्जित ऑपरेशन थिएटर इमरजेंसी मेडिसिन विभाग में संचालित होंगे।
नवीन भवन में उपलब्ध होंगी अत्याधुनिक सुविधाएँ
मंत्री सारंग ने बताया कि हमीदिया अस्पताल के ब्लॉक-1 के भूतल पर ही रेडियोलॉजी विभाग कार्यरत होगा। इससे मरीजों को जाँच के लिए कहीं और जाने की आवश्यकता नहीं होगी। अत्याधुनिक रेडियोलॉजी मशीन के साथ अत्याधुनिक रेडियोलॉजी की सुविधाएँ भी शुरू की जायेंगी। नई बिल्डिंग में अत्याधुनिक मशीनों से सुसज्जित सेंट्रल क्लीनिकल लेब भी प्रारंभ होगी। लेब में एकल विंडो के माध्यम से मरीजों के जाँच के नमूने लिए जा सकेंगे एवं वहीं से उन्हें रिपोर्ट उपलब्ध कराई जायेगी। साथ ही मरीज की रिपोर्ट की सॉफ्ट कॉपी उसके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एवं संबंधित चिकित्सक टीम को भी भेजी जायेगी, जिससे मरीज के इलाज में तेजी आयेगी।
नये ओपीडी ब्लॉक में एक छत के नीचे होंगे सभी विधाओं के चिकित्सक
सारंग ने बताया कि नये ओपीडी ब्लॉक में सभी विधाओं के चिकित्सक एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगे। जाँच के नमूने लेने एवं दवा वितरण सुविधा भी उसी बिल्डिंग में उपलब्ध होगी। ओपीडी बिल्डिंग में केंद्र शासन द्वारा पोषित एक क्रिटिकल केयर ब्लॉक भी स्थापित होगा, जो संक्रामक बीमारियों के इलाज के लिये उपलब्ध होगा।
सीटों में वृद्धि से दूर होगी चिकित्सकों की कमी
उन्होंने बताया कि गांधी मेडिकल कॉलेज में स्नातक सीटें 150 से बढ़कर 250 प्रति वर्ष हो गयी हैं। स्नातकोत्तर सीटें 112 से बढ़कर 245 प्रति वर्ष हो गयी हैं। इससे आने वाले समय में प्रदेश में चिकित्सकों की कमी होने की समस्या से निजात मिल सकेगी। कॉलेज में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना की जायेगी, जिसमें स्नातक एवं स्नातकोत्तर कोर्स संचालित होंगे। इससे भविष्य में उत्कृष्ट नर्सिंग सेवाएँ प्रदेश की जनता को उपलब्ध हो सकेंगी।
नये ब्लॉक में मिलेंगी सुविधाएँ
– ब्लड बैंक की सुविधा
– 2000 बिस्तरों में 240 आईसीयू बेड
– नवजात शिशु के लिये एस.एन.सी.यू. की व्यवस्था
– अत्याधुनिक उपकरणों वाले 19 ऑपरेशन थिएटर
– शिक्षण के लिये 350 बैठक क्षमता – अत्याधुनिक ऑडिटोरियम
– विश्वस्तरीय सीएसएसडी सुविधा से चिकित्सकीय संक्रमण को रोकने में मदद
– अत्याधुनिक मेडिकल रिकॉर्ड रूम, मैकेनाइज्ड लाँड्री।