Saturday, September 21"खबर जो असर करे"

मध्यप्रदेश ने बरकरार रखा टाइगर स्टेट का दर्जा, संख्या बढ़कर 785 हुई

मप्र में वन्य-प्राणियों के संरक्षण में उत्कृष्ट कार्य, मुख्यमंत्री ने सभी को दी बधाई

भोपाल। अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर शनिवार को भारत सरकार ने शनिवार को बाघों की गणना के आंकड़े जारी किए हैं। बाघों की गणना की जारी रिपोर्ट के अनुसार, मध्यप्रदेश ने अपने टाइगर स्टेट के दर्जे को बरकरार रखा है। चार साल में मध्यप्रदेश के जंगलों में बाघों की संख्या 526 से बढ़कर 785 हो गई है। पिछली गणना के बाद प्रदेश में 259 टाइगर बढ़ गए हैं। वहीं, कर्नाटक 563 के साथ दूसरे, उत्तराखंड 560 के साथ तीसरे और महाराष्ट्र 444 बाघों के साथ चौथे नंबर पर है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश में वन्य-प्राणियों के संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिये सभी प्रदेशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने शनिवार देर शाम अपने बधाई संदेश में कहा है कि एक बार फिर मध्यप्रदेश के टाइगर स्टेट बनने पर मैं आप सबको बधाई देता हूँ।

उन्होंने कहा है कि आप सजग और सतर्क रहकर मध्यप्रदेश में वन्य-प्राणियों के संरक्षण के काम में सदैव सहयोग करते हैं। मध्यप्रदेश के लिए आज का दिन गर्व का है, गौरव का है। हम फिर टाइगर स्टेट हैं। चार साल पहले जो टाइगर की गणना हुई थी, उसमें 526 टाइगर हमारे यहाँ थे। अब वह संख्या बढ़कर 785 हो गई है।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश काफी आगे निकल गया है। मैं आज नौ करोड़ प्रदेशवासियों को बधाई देता हूँ। वन विभाग का अभिनंदन करता हूँ। वाइल्डलाइफ को बचाने के काम में जुटे सभी समाज-सेवियों का, विशेषकर घने जंगलों में रहकर लाठी लेकर पैदल घूमते हुए जो टाइगर और बाकी वन्य-प्राणियों को बचाने के लिए लगे रहते हैं, ऐसे वनरक्षक, वन क्षेत्रपाल, महावत जो आधी जिंदगी जंगलों में काट रहे हैं, उनको भी मैं बहुत बधाई देता हूँ। समाज के सहयोग के बिना भी यह संभव नहीं था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी-कभी अप्रिय घटना के बाद भी हमारी मध्यप्रदेश की जनता ऐसी है कि वन्य-प्राणियों को, विशेषकर टाइगर को बचाने में सदैव अपना योगदान देती है। मध्यप्रदेश आज टाइगर स्टेट, तेंदुआ स्टेट, घड़ियाल स्टेट और वल्चर स्टेट भी है। वन्य-प्राणियों को बचाने के काम में मध्यप्रदेश का स्थान आज बहुत अहम है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश एक ऐसा राज्य है, जिसने हर पैरामीटर पर अभूतपूर्व प्रगति की है। अभी कल ही प्रति व्यक्ति आय के भारत सरकार के आंकड़े आए हैं जिसमें हमारी पर कैपिटा इनकम बढ़कर एक लाख 40 हजार रुपये हुई है, जो 2003- 2004 में केवल 11 हजार हुआ करती थी। अभी-अभी 36 फीसदी की वृद्धि हमने हासिल की है। गरीबों की संख्या कम करने में, उनको गरीबी रेखा के ऊपर लाने में मध्य प्रदेश की भूमिका अहम रही है और हम देश के अग्रणी राज्यों में खड़े हैं। हमारी जीएसडीपी का साइज भी जो पहले 71 हजार करोड़ रुपये हुआ करता था, अब बढ़कर लगभग 15 लाख करोड़ रुपये के आसपास पहुंच रहा है। हर पैमाने पर मध्यप्रदेश प्रगति कर रहा है।