नई दिल्ली (New Delhi)। अंतरराष्ट्रीय बाजार (International market) में कच्चे तेल की कीमत (Crude oil price) में बढ़ोतरी होने से भारत (India) में पेंट का कारोबार करने वाली कंपनियों (Paint companies) की परेशानी बढ़ने की आशंका बन गई है। माना जा रहा है कि कच्चे तेल की कीमत में अगर इसी तरह बढ़ोतरी का सिलसिला जारी रहा, तो पेंट कंपनियों के लिए कच्चे माल की लागत काफी बढ़ जाएगी। ऐसा होने पर पेंट कंपनियों को अपने एंड प्रोडक्ट की कीमत भी बढ़ानी पड़ सकती है।
गौरतलब है कि पेंट के प्रोडक्शन में क्रूड बेस्ड डेरिवेटिव्स का कच्चे माल के रूप में प्रमुखता के साथ इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए पेंट उत्पादन की लागत पर कच्चे तेल की कीमत का सीधा असर होता है। पेंट के उत्पादन में इस्तेमाल किए जाने वाले कच्चे माल में क्रूड बेस्ड डेरिवेटिव्स की हिस्सेदारी करीब 40 प्रतिशत होती है। ऐसे में अगर कच्चे तेल की कीमत बढ़ी, तो स्वाभाविक रूप से पेंट की उत्पादन लागत भी बढ़ जाएगी।
जानकारों का कहना है कि कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी होने पर पेंट कंपनियों के इनपुट कॉस्ट में भी बढ़ोतरी होती है, जिसके कारण या तो कंपनियों को एंड प्रोडक्ट की कीमत बढ़ानी पड़ती है या फिर अपने प्रॉफिट मार्जिन को कम करना पड़ता है। यही वजह है कि कच्चे तेल की कीमत में लगातार हो रही बढ़ोतरी ने पेंट कंपनियों के लिए परेशानी बढ़ा दी है।
उल्लेखनीय है कि सऊदी अरब और रूस द्वारा कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती करने का ऐलान करने के बाद से ही इंटरनेशनल मार्केट में कच्चा तेल लगातार तेज हो रहा है। सिर्फ जुलाई के महीने में ही कच्चे तेल की कीमत में करीब 8 प्रतिशत की तेजी आ चुकी है। पिछले कारोबारी सत्र में ब्रेंट क्रूड ऑयल 3 महीने के सर्वोच्च स्तर 81.57 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया था। मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों में आने वाले दिनों में कच्चे तेल की कीमत में बड़ी गिरावट आने की उम्मीद भी नहीं है। इसलिए पेंट कंपनियों की परेशानियों में बढ़ोतरी होने की आशंका लगातार बनी हुई है।