– फ्रांस, फिजी, ग्वाटेमाला, उरुग्वे, जाम्बिया और हौन्डुरस देश के 21 प्रतिनिधि आए भोपाल
भोपाल। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) का प्रतिनिधि-मंडल ने रविवार को सांची के स्तूप में भगवान बुद्ध के अध्यात्म की अनुभूति कर अभिभूत हुआ। उन्होंने स्तूपों में अंकित उपदेश से भगवान बुद्ध के विश्व-कल्याण, अहिंसा और शांति के संदेश को जाना।
दरअसल, जेन नेक्स्ट डेमोक्रेसी नेटवर्क कार्यक्रम में आईसीसीआर का 21 सदस्यीय प्रतिनिधि-मंडल मध्यप्रदेश भ्रमण पर भोपाल आया हुआ है, जिसमें फ्रांस, फिजी, ग्वाटेमाला, उरुग्वे, जाम्बिया और हौन्डुरस देश के प्रतिनिधि शामिल हैं। यहाँ उन्हें पर्यटन बोर्ड के अधिकारियों ने साँची के स्तूप, बोट क्लब और ट्राइबल म्यूजियम का भ्रमण कराया।
प्रतिनिधि-मंडल, जेनएक्सटी नेटवर्क प्रोग्राम में 18 से 27 जुलाई तक भारत भ्रमण पर है। संसद, प्रधानमंत्री संग्रहालय, ताजमहल, आगरा का किला और राजघाट देखने के बाद प्रतिनिधि-मंडल ने साँची के स्तूप, म्यूजियम, जॉन मार्शल हाउस और ट्राइबल म्यूजियम को भी करीब से जाना।
फिजी देश के अपेनिसा याबाकितिनि वातुनिविवुकु को प्रदेश के लजीज व्यंजनों का स्वाद भा गया। ज़ाम्बिया से सुसान टेम्बो को जनजातीय संग्रहालय की दीर्घाएँ पसंद आई। हौन्डुरस से कारमेन हेडी लोपेज़ फ्लोरेस ने साँची के स्तूप की भव्यता की तारीफ की। वहीं, फ्रांस के सेल्वा मणिकंदन अन्नामलाई के मन को मानसूनी मौसम और क्रूज की सवारी ने मोह लिया।
जनजातीय संग्रहालय में प्रतिनिधि-मंडल ने गुदुंब बाजा नृत्य की प्रस्तुति से जनजातीय नृत्य से परिचय लिया। साथ ही संग्रहालय की विविध कला-दीर्घाओं में जनजातीय जीवन-शैली को देखा और महसूस किया। प्रतिनिधि-मंडल ने साँची के स्तूप और ट्राइबल म्यूजियम को सराहा। उन्होंने प्रदेश की समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की प्रशंसा की। साथ ही अपने देश वापस जाकर वहाँ के पर्यटकों को मध्यप्रदेश आने के लिए प्रेरित करने की बात भी कही। प्रतिनिधि-मंडल के साथ प्रदेश के टूरिस्ट बोर्ड के उप संचालक द्वय युवराज पडोले, दीपिका राय चौधरी सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी रहे।
प्रतिनिधि-मंडल में शामिल व्यक्तित्व
प्रतिनिधि-मंडल में फिजी से केतन किरित लाल, आशना शायल प्रताप, रिनेश राजेश शर्मा, ज़ाम्बिया से सुसान टेम्बो, एंथोनी जिम्बा, लुकोबा मुकोंडे, ग्वाटेमाला से जुआन डिएगो एरियोला गैलिना, डिएगो फर्नांडो सगास्तुम बर्गनज़ा, हौन्डुरस से ज़ुल्मिट सोलेमिट रिवेरा ज़ुनिगा, कारमेन हेडी लोपेज़ फ्लोरेस, उरुग्वे से फेडेरिको डेलगाडो लुजान, मटिल्डे अंतिया अदामी, डॉ. डिएगो संजुर्जो गार्सिया एवं फ्रांस से सेल्वा मणिकंदन अन्नामलाई शामिल थे।
आईसीसीआर के जेन नेक्स्ट डेमोक्रेसी नेटवर्क कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न स्तर पर भारत की लोकतांत्रिक शासन संरचना को परिभाषित करना है। यह कार्यक्रम विश्व के लोकतांत्रिक देशों के युवा नेताओं को भारत भ्रमण के माध्यम से भारत की संस्कृति, विरासत और “भारत के विचार” से परिचित कराता है। यह दुनिया को भारत की लोकतांत्रिक यात्रा की सफलता की समझ भी प्रदान करता है।
आईसीसीआर भारत सरकार का एक स्वायत्त संगठन है, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। इसकी स्थापना वर्ष 1950 में स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने की थी। यह विभिन्न देशों में स्थापित सांस्कृतिक केंद्रों के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मिशन संचालित करता है और सांस्कृतिक आदान-प्रदान से भारत के वैश्विक सांस्कृतिक संबंधों को समृद्ध करता है। संगठन वर्ष 1965 में भारत सरकार द्वारा स्थापित “अंतरराष्ट्रीय समझ के लिए जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार” का भी संचालन करता है। (एजेंसी, हि.स.)