Monday, November 25"खबर जो असर करे"

विद्यार्थी अपनी सोच व कार्यों से देश व दुनिया की समस्याओं का समाधान खोजें : राष्ट्रपति

-परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष काकोडकर डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि से विभूषित

ग्वालियर (Gwalior)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने कहा कि विद्यार्थी (student) आत्मविश्वास के साथ दुनिया में कदम रखें और आगे बढ़ते जाएं। लक्ष्य से निगाह न हटने दें। कोई भी बाधा और कोई भी चुनौती आपको अपना लक्ष्य हासिल करने से नहीं रोक पाएगी। सफल होकर आप सब दूसरों को भी आगे बढ़ने में मदद करें। साथ ही शिक्षा का उपयोग कर देश को आगे ले जाएं और अपनी सोच व कार्यों से देश व दुनिया (Country and world) की समस्याओं का समाधान (finding solutions to problems) ढूंढने में योगदान दें।

राष्ट्रपति मुर्मू गुरुवार को ग्वालियर में अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान ग्वालियर (ट्रिपल आईटीएम) के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को संबोधित कर रही थीं। समारोह में राज्यपाल मंगुभाई पटेल (Governor Mangubhai Patel), मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan), केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union Civil Aviation Minister Jyotiraditya Scindia), ट्रिपल आईटीएम संचालक मण्डल के अध्यक्ष दीपक घैसास एवं ट्रिपल आईटीएम के निदेशक प्रो. श्रीनिवास सिंह मंचासीन थे। इस अवसर पर प्रदेश के मंत्रीगण तुलसीराम सिलावट, प्रद्युम्न सिंह तोमर, भारत सिंह कुशवाह, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर एवं ट्रिपल आईटीएम संचालक मण्डल के सदस्यगण मौजूद रहे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ट्रिपल आईटीएम के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व चेयरमेन पद्मविभूषण डॉ अनिल काकोडकर को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि से विभूषित किया गया। साथ ही सात विद्यार्थियों को गोल्ड मैडल प्रदान किए गए। ट्रिपल आईटीएम से वर्ष 2023 में पास आउट 283 विद्यार्थियों को दीक्षांत समारोह में बीटेक, एमटेक एवं मैनेजमेंट की उपाधियां प्रदान की गईं। दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंचीं राष्ट्रपति ने ट्रिपल आईटीएम में 500 बैड के छात्रावास की आधारशिला भी रखी। साथ ही मलिन बस्तियों के बच्चों से मुलाकात कर उन्हें पुस्तकें भेंट कीं।

राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से अपेक्षा व्यक्त की कि आप सब समाज के उन लोगों के बारे में भी सोचें कि जो विकास की यात्रा में थोड़े पीछे रह गए हैं। समाज के प्रति उत्तरदायित्व की धारणा आपकी प्रगति के लिये भी उपयोगी सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि दूसरों की सहायता करने से स्वयं की क्षमताओं का भी विकास होता है, यह मेरा भी निजी अनुभव है।

उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति की सबसे बड़ी आबादी मध्यप्रदेश में रहती है। प्रसन्नता की बात है कि मध्यप्रदेश में कमजोर वर्गों एवं महिलाओं का कल्याण करने की भावना के साथ अच्छे कदम उठाए जा रहे हैं। जनजातीय गौरव दिवस मनाने की शुरुआत भी सबसे पहले मध्यप्रदेश ने की है। उन्होंने मध्यप्रदेश की अपनी पिछली यात्रा के दौरान शहडोल में आयोजित हुए समारोह का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे वहां पर पेसा एक्ट का शुभारंभ करने का अवसर मिला था। यह एक्ट जनजातीय समुदाय के लोगों के हित में लागू किया गया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि यह दीक्षांत समारोह इसलिये भी विशेष महत्वपूर्ण है क्योंकि संस्थान ने अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। उन्होंने उपाधियां प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों व उनके परिजनों एवं प्राध्यापकों को बधाई व शुभकामनायें दीं। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि ट्रिपल आईटीएम ग्वालियर शिक्षा का एक ऐसा उत्कृष्ट केन्द्र बनने की ओर अग्रसर है जहां उच्च स्तर की शिक्षा और अनुसंधान को निरंतर बढ़ावा मिलेगा। खुशी की बात है इस संस्था ने स्थानीय समुदायों की मदद के लिये विभिन्न गतिविधियां शुरू की हैं। संस्थान के विद्यार्थी व प्राध्यापक स्थानीय समुदायों के कमजोर परिवारों के बच्चों को सलाह और मार्गदर्शन दे रहे हैं। मुझे ऐसे बच्चों से मिलकर आज संतोष हुआ कि हमारे शिक्षण संस्थान बच्चों के बारे में सोच रहे हैं। राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि आर्थिक लाभ महत्वपूर्ण होता है, लेकिन संतुष्टि उससे भी महत्वपूर्ण है। इसलिए जीवन में खुद से सवाल कर अपने को बेहतर बनाने के प्रयास निरंतर जारी रखें।

उन्होंने ग्वालियर शहर की सराहना करते हुए कहा कि यह शहर मध्यप्रदेश के सबसे खूबसूरत शहरों में से एक है। यह शहर महलों, मंदिरों और किलों के लिए तो प्रसिद्ध है ही, भारतीय इतिहास में भी इसका महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने मराठाओं द्वारा किए गए संघर्ष और सिंधिया राजवंश द्वारा ग्वालियर के विकास में दिए गए योगदान का भी विशेष रूप से जिक्र किया। साथ ही कहा कि ग्वालियर अपनी समृद्ध, सांस्कृतिक विरासत के लिए भी जाना जाता है। प्रसन्नता की बात है कि ग्वालियर जिले में स्थित संगीत सम्राट तानसेन के गांव को तानसेन नगर का नाम दिया गया है। उन्होंने कहा यह एक सर्वमान्य तथ्य है कि शून्य भारत की देन है। भारत द्वारा प्राचीनकाल में विकसित शून्य की अवधारणा के स्पष्ट प्रमाण ग्वालियर दुर्ग स्थित चतुर्भुज मंदिर में देखे जा सकते हैं।

टैलेंट, टेक्नालॉजी, प्रबंधन और नेतृत्व का संगम भारत को बनाएगा विश्व गुरूः शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज भारत के पास टैलेंट, टेक्नालॉजी, प्रबंधन और नेतृत्व का संगम है, जो भारत को आने वाले समय में विश्व गुरू बनाएगा। जिस प्रकार 18वीं सदी में औद्योगिक क्रांति के दौरान वैश्विक अर्थ-व्यवस्था को गतिमान रखने के लिये डीजल और पेट्रोल की आवश्यकता थी, उसी प्रकार 21वीं सदी में गति के लिये डाटा ईंधन का काम कर रहा है। एनालेटिक्स, मशीन लर्निंग, बिग डाटा और क्वांटम कम्प्यूटिंग सभी आज के युग की बड़ी आवश्यकता हैं। विद्यार्थी इन सभी में महारत हासिल कर स्वयं, समाज और देश को आगे बढ़ाएं।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस संस्थान की स्थापना स्व. माधव राव सिंधिया ने की थी, जब वे देश के मानव संसाधन विकास मंत्री थे। अटल बिहारी वाजपेयी का मध्यप्रदेश से अटूट नाता रहा है। वाजपेयी ओजस्वी, तेजस्वी और यशस्वी व्यक्तित्व थे। उनके जीवन का संदेश था कि हमको जीवन में कभी हार नहीं मानना है, हमेशा आगे बढ़ते रहना है। विद्यार्थियों को उनके संदेश का अनुकरण कर अपने जीवन को सफल बनाना है। आज आप सभी को सौभाग्य मिला है कि आप अपनी योग्यता से देश और समाज के लिये कार्य करें। आपको अर्निंग के साथ लर्निंग का भी पूरा ध्यान रख कर निरंतर प्रगति करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश संभावनाओं का प्रदेश है। यहां की ग्रोथ रेट निरंतर 18 प्रतिशत के आसपास रहती है। यहां की जीएसडीपी, जो वर्ष 2005-06 में 71 हजार करोड़ थी, आज 15 लाख करोड़ को पार कर गई है। प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। विद्यार्थी अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग कर प्रदेश को और अधिक गतिमान करें। सभी को मेरी शुभकामनाएं।

विद्यार्थी छोटे लक्ष्य से संतुष्ट न होकर सदैव आगे बढ़ने का भाव रखें: सिंधिया
समारोह में केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि अपने मन में सदैव यह भाव रखें कि हम केवल एक लक्ष्य की पूर्ति से संतुष्ट न होकर सदैव आगे बढ़ने का प्रयास करते रहेंगे। साथ ही जिस संस्थान से आप सबने शिक्षा ग्रहण की है उस संस्थान का मान-सम्मान रखकर देश का गौरव बढ़ाने में अपना योगदान देते रहें। उन्होंने कहा कि भारत तेजी के साथ आर्थिक तरक्की कर रहा है। कुछ साल पहले तक भारत 11वीं आर्थिक शक्ति हुआ करता था जो अब पांचवी आर्थिक शक्ति बन गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि वर्ष 2030 तक भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा। देश के भविष्य निर्माण में आप सबका सहयोग भी जरूरी है।

सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग सामाजिक न्याय के साधन के रूप में होः राज्यपाल
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि कल्याणकारी राज्य में वही प्रौद्योगिकी सफल है, जिसका उपयोग सामाजिक न्याय के एक साधन के रूप में हो सके। समग्र विकास के लिये आज की जरूरत है कि स्मार्ट उपकरण और प्रणालियाँ सामान्य लोगों की पहुंच में हो। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि नवाचारों के माध्यमों से नागरिकों के कल्याण और विकास के नए समाधान प्रस्तुत करने के लिये तत्परता से कार्य करें। सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ के रूप में देश व समाज को आपसे बहुत आशा है। इसलिए राष्ट्र का कल्याण आपका लक्ष्य होना चाहिए। आप सबने पढ़ाई के दौरान जो सामाजिक कौशल और तकनीक हासिल की है उसका उपयोग पिछड़े और वंचित लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिये करें। अपनी मेधा का उपयोग दिव्यांग लोगों, सीनियर सिटीजन तथा अन्य जरूरतमंद लोगों की सहायता में अवश्य करें।

विषमता मिटाने के प्रयास जरूरीः डॉ. काकोड़कर
पोखरण परमाणु परीक्षण में अहम भूमिका निभाने वाले देश के सुविख्यात परमाणु विज्ञानी एवं परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष पद्मविभूषण डॉ. अनिल काकोड़कर ने कहा कि भारत अच्छी प्रगति कर रहा है। हम सबको साझा प्रयास कर वैश्विक स्तर की प्रतिस्पर्धा में देश को आगे रखकर, देश के भीतर विषमता मिटाने के प्रयास जारी रखने होंगे।

शोभा यात्रा के साथ दीक्षांत समारोह में पहुंचीं राष्ट्रपति
ट्रिपल आईटीएम के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल पटेल, मुख्यमंत्री चौहान, केन्द्रीय मंत्री सिंधिया एवं संस्थान के संचालक मण्डल के अध्यक्ष व सदस्यगण एवं निदेशक शोभा यात्रा के साथ पहुंचे। संस्थान के ऑडिटोरियम में आयोजित हुए भव्य दीक्षांत समारोह का राष्ट्रपति सहित अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया। समारोह का आगाज व समापन आर्मी बैंड द्वारा प्रस्तुत राष्ट्रगान के साथ हुआ।

राष्ट्रपति ने मलिन बस्तियों के बच्चों से मुलाकात कर पुस्तकें भेंट की
राष्ट्रपति ने संस्थान के विद्यार्थियों द्वारा संचालित स्टूडेंट ज्ञान मूमेंट योजना के तहत अध्ययनरत मलिन बस्तियों के 10 बच्चों से मुलाकात की। पांचवी से दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई कर रहे इन बच्चों को उन्होंने पुस्तकें, बैग और चॉकलेट भेंट की। साथ ही उनसे बातचीत भी की।

उल्लेखनीय है संस्थान के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों द्वारा आसपास की मलिन बस्तियों में निवासरत बच्चों की नियमित कक्षाएं संचालित की जाती हैं। द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी इन कक्षाओं के संयोजन की भूमिका निभाते हैं। वर्ष 2016 से संस्थान द्वारा यह कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान कोमल बाथम नामक बालिका ने पेंसिल से बनाया गया उनका स्कैच भेंट किया। ब्रम्हाकुमारी की दो बहनों और दो भाईयों ने भी राष्ट्रपति महोदया से मुलाकात कर उन्हें पवित्र प्रतीक चिन्ह भेंट किए।